मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा है कि दिल्ली के अनधिकृत कॉलोनियों के नियमित होने से यहां रहने वाले करीब 40 लाख लोगों को विकास के सभी लाभ मिल सकेंगे.

राज्यसभा में इस संबंध में ‘राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र दिल्ली (अप्राधिकृत कॉलोनी निवासी संपत्ति अधिकार मान्यता) विधेयक, 2019’ को रखते हुए उन्होंने ये बात कही. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राजधानी दिल्ली में 1731 अनधिकृत कॉलोनियों की डिजिटल मैपिंग का काम इस साल 31 दिसंबर तक पूरा कर लिया जाएगा. साथ ही उन्होंने कहा कि 11 साल पहले ही दिल्ली में अनधिकृत कॉलोनियों की मैपिंग की प्रक्रिया शुरू हो जानी चाहिए थी.
केंद्रीय मंत्री ने दिल्ली में अनधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले करीब 40 लाख लोगों को उनकी संपत्ति का मालिकाना हक देने की प्रतिबद्धता जारी की. उन्होंने कहा कि 2008 में दिल्ली की तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने एक अधिसूचना जारी की थी और 760 कॉलोनियों को चिह्नित किया गया.
लेकिन इसके बाद प्रयास धीमे हो गये. उन्होंने कहा कि पिछले 11 साल में इस दिशा में अपेक्षित प्रयास नहीं हुए. केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘मौजूदा दिल्ली सरकार ने केंद्र को बताया कि जिन एजेंसियों को कॉलोनियों की मैपिंग का काम दिया गया है, वे इसे पूरा नहीं कर पा रही हैं.
तब केंद्र सरकार ने राजधानी की 1731 अनधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले 40 से 50 लाख लोगों को उनके मकानों का मालिकाना हक देने का फैसला किया.’’ गौरतलब है कि 2008 में दिल्ली में शीला दीक्षित के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार थी.
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