चंद्रयान-2 के बाद इसरों अपने नए प्रोजेक्ट च्रंदयान-3 की तैयारी में जुट गया है। सरकार ने भी चंद्रयान-3 प्रोजेक्ट की तैयारी शुरू कर दी है और इसके लिये संसद से 75 करोड़ रुपये आवंटित करने की मंजूरी मांगी है।
संसद में पेश वर्ष 2019-20 की पूरक अनुदान मांगों के दस्तावेज से यह जानकारी प्राप्त हुई है। चालू वित्त वर्ष के लिए अनुदान मांगों के पहले बैच के तहत सरकार ने अंतरिक्ष विभाग के मद में नई परियोजना चंद्रयान-3 के लिये 75 करोड़ धनराशि आवंटित करने की संसद से मंजूरी मांगी है। ये धनराशि दो श्रेणियों में मांगी गई है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश अनुदान की पूरक मांग संबंधी दस्तावेज में कहा गया है, नई परियोजना चंद्रयान-3 के खर्च को पूरा करने के लिये 15 करोड़ रुपये अनुदान को मंजूरी दी जाए और चंद्रयान-3 के मशीनरी और उपकरण तथा अन्य पूंजीगत व्यय के लिये 60 करोड़ रुपये अनुदान को मंजूरी दी जाए।
इससे पहले अंतरिक्ष विभाग ने एक बयान में कहा था, चंद्रयान-3 के बारे में आवश्यक प्रौद्योगिकी दक्षता के लिए इसरो ने चांद अन्वेषण का एक रोडमैप तैयार किया है। इस रोडमैप को अंतरिक्ष आयोग के समक्ष प्रस्तुत किया गया है। विशेषज्ञ समिति के अंतिम विश्लेषण और अनुशंसाओं के आधार पर, भविष्य के चांद मिशन के लिए कार्य प्रगति पर है।