पावन सरयू के मनोरम तट पर बसी रामनगरी अयोध्या। चलते-चलते कभी दंडकारण्य में प्रवेश कर गए तो कभी पहुंच गए घने विंध्यारण्य में। सहसा वैदिक मंत्रोच्चार आपके कानों में गूंजने लगेंगे और उस तरफ बढ़ते ही यज्ञशाला दिख जाए, गुरुकुल के दृश्य आपको रोक लें। इधर-उधर स्थापित देवालय भक्ति-भाव से विभोर कर देंगे तो भगवान राम सहित इक्ष्वाकु वंश के चक्रवर्ती राजाओं के भव्य महल रोमांचित कर देंगे।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले से राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त होने के बाद योगी आदित्यनाथ सरकार अयोध्या में ‘इक्ष्वाकुपुरी’ कुछ ऐसे ही विकसित करने की तैयारी है, जैसा आपने त्रेतायुग के बारे में पौराणिक कथाओं में पढ़ा-सुना है।
राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ होने के बाद प्रदेश सरकार अयोध्या को विश्व मानचित्र पर धार्मिक-सांस्कृतिक पर्यटन के प्रमुख केंद्र के रूप में स्थापित करने की वृहद कार्ययोजना बनाने में जुट गई है।
कंबोडिया के आध्यात्मिक-सांस्कृतिक नगर सीएम रीप की तर्ज पर अयोध्या में इक्ष्वाकुपुरी बसाने की तैयारी है। कई दिनों के मंथन के बाद एक कार्ययोजना प्रस्तावित की गई है, जिसका प्रस्तुतीकरण पिछले दिनों पर्यटन एवं संस्कृति विभाग द्वारा वाराणसी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने किया गया।