घर-नर्सरी में पौधे लगाने की सोच रहे हैं तो आपको कंपोस्ट खाद की जरूरत नहीं पड़ेगी, क्योंकि अब गोबर से गमले बनाए जा रहे हैं। जिले के बनचरौदा गांव (आरंग) में दुर्गा शक्ति स्व सहायता समूह की महिलाएं गोठान के गोबर से गमले तैयार कर रही हैं।
ये न सिर्फ हल्के, बल्कि काफी सस्ते भी हैं। अब तक ये महिलाएं करीब पांच हजार गमले बेच चुकी हैं। इनके बनाए गमलों की मांग शासकीय उद्यानिकी विभाग, वन विभाग में है। दरअसल ये विभाग पौधे लगाने या नर्सरी तैयार करने के लिए अब पॉलीथिन का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं।
गमले की बिक्री से जो भी आय हो रही है, उसे समूह की महिलाओं में वितरित कर दी जा रही है। गोबर के गमले से जहां नर्सरी गुलजार हो रही है, वहीं महिलाओं को रोजगार भी मिला है।
गोबर के गमले तैयार करने में चार दिन लगते हैं। ये तीन से चार महीने तक सुरक्षित रहते हैं। छोटा, मध्यम और बड़ा तीन साइज में गमले बनाए जा रहे हैं। इसकी कीमत 5 रुपये से लेकर 15 रुपये तक है। छोटे वाले एक गमले को तैयार करने में लगभग डेढ़ किलो गोबर लगता है। यानी इसमें पौधे को लगाते ही डेढ़ किलो खाद तुरंत मिल जाएगी।