अखिल भारतीय हिंदू महासभा ने 1992 के कारसेवकों से मुकदमा वापस लेने की मांग की है. इस बाबत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चक्रपाणि महाराज ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को खत लिखा है. इसके साथ ही मारे गए कारसेवकों को शहीद का दर्जा देने और उनके परिजनों को आर्थिक मदद व सरकारी नौकरी देने की मांग की है. इसके साथ ही कारसेवकों को धार्मिक सेनानी घोषित करने की भी मांग की गई है.
इस बीच, राम जन्मभूमि न्यास ने कहा है कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण की निगरानी करने वाले ट्रस्ट की अध्यक्षता उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करें. न्यास ने कहा कि आदित्यनाथ को गोरक्षा पीठ के महंत के तौर पर ट्रस्ट की अध्यक्षता करनी चाहिए ना कि मुख्यमंत्री के तौर पर.
न्यूज एजेंसी के मुताबिक न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास ने कहा, “राम जन्मभूमि न्यास चाहता है कि योगी आदित्यनाथ ट्रस्ट की अध्यक्षता करें. गोरखपुर में प्रतिष्ठित गोरखनाथ मंदिर गोरक्षा पीठ का है और राम मंदिर आंदोलन में इसने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. महंत दिग्विजय नाथ, महंत अवैद्यनाथ और अब योगी आदित्यनाथ मंदिर आंदोलन के महत्वपूर्ण अंग रहे हैं.”
उन्होंने कहा कि प्रस्तावित ट्रस्ट में न्यास महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. उन्होंने हालांकि विस्तृत जानकारी नहीं दी. उन्होंने कहा, “ट्रस्ट के अन्य सदस्यों में चंपत राय (विश्व हिंदू परिषद के उपाध्यक्ष) और ओम प्रकाश सिंघल (विहिप के कोषाध्यक्ष) हो सकते हैं. “