राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने महिलाओं के घूंघट को लेकर बड़ा बयान दिया है. गहलोत ने महिला सशक्तिकरण के महत्व पर जोर देते हुए मंगलवार को कहा कि महिलाओं के घूंघट का रिवाज जल्द से जल्द खत्म किया जाना चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा कि राष्ट्रनिर्माण में महिलाओं की भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण है.
गहलोत ने जयपुर में हो रहे महिला सशक्तिकरण के कार्यक्रम कहा कि ”आज भी कुछ ग्रामीण इलाकों में महिलाओं के चेहरों को घूंघट से ढकने का रिवाज है. समय तो बदल गया है लेकिन अभी भी घूंघट का प्रचलन गावों में है.” गहलोत ने कहा कि ”महिलाओं को घूंघट में रखना सही नहीं है. घूंघट के अस्तित्व के साथ महिलाएं आगे नहीं बढ़ सकती हैं. जब महिलाओं के चेहरे को ढकने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा तभी वह आगे आ पाएंगी और राष्ट्र-निर्माण में अपनी भूमिका निभा सकेंगी.” गहलोत ने कहा कि ”महिलाएं सशक्त हैं. साथ ही महिलाओं के पास समाज में बदलाव लाने की क्षमता है.”
गहलोत ने कहा, महिलाओं में ताकत है. उन्होंने सभी महिलाओं के लिए कहा कि “आप आगे बढ़िए राज्य सरकार आपके साथ है”. इसके अलावा गहलोत ने बाल विवाह की प्रथा को पूरी तरह से समाप्त करने की बात कही और कहा कि इससे बच्चों का जीवन पूरी तरह से नष्ट हो जाता है. मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार महिलाओं के खिलाफ अपराध को लेकर गंभीर है और इसलिए महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों की निगरानी के लिए उनकी सरकार ने इसी साल से जिला स्तर पर एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी की नियुक्ति करने का फैसला किया है.
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में कहा कि राज्य सरकार स्कूल में पढ़ने वाली लड़कियों को आत्मरक्षा प्रशिक्षण प्रदान कर रही है. कार्यक्रम में उन्होंने महिला कल्याण योजनाओं के बारे में भी बताया. साथ ही महिलाओं के संघर्षों पर आधारित एक पुस्तक भी लॉन्च की. इस दौरान उनके साथ राज्य की महिला और बाल विकास मंत्री ममता भूपेश भी उपस्थित थीं. पत्रकारों से बात करते हुए गहलोत ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की एक महान नेता के रूप में प्रशंसा की. उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी कहते थे कि इंदिरा गांधी दुर्गा थीं.