बिगड़ती दिल्ली की आबोहवा के बीच मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर को पत्र लिखकर गुजारिश की है कि वायु प्रदूषण से निपटने के लिए बड़े स्तर पर कार्ययोजना बनानी जरूरी है। इसके लिए पराली जलाने के मामलों को रोकने के लिए ठोस रणनीति तैयार करनी होगी। उनका कहना है कि प्रदूषण केवल दिल्ली नहीं, बल्कि पूरे उत्तर भारत का मसला है।
केंद्र सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे का जिक्र करते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा कि केंद्र ने माना है कि पराली जलने से अक्तूबर-नवंबर में दिल्ली समेत एनसीआर की हवा खराब हुई है। इसके मुताबिक, केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2018-19 में पंजाब के किसानों के लिए 33,075, हरियाणा के लिए 11,941 और यूपी के किसानों के लिए 18,706 मशीनें दी हैं।
मौजूदा वित्त वर्ष में इन तीनों राज्यों के लिए 24,214, 14,677 और 7,418 मशीनों को मंजूरी दी गई है। प्रयास यह है कि मशीन मिलने पर किसानों को पराली को जलाना नहीं पड़ेगा। केजरीवाल ने कहा कि हलफनामे से पैदा होने वाले सवालों पर केंद्र को तत्काल प्रभाव से कदम उठाना चाहिए। इसके लिए सभी राज्यों को ठोस रणनीति तैयार करनी है। एक साथ बैठकर पराली जलाने के मामलों को रोकने के लिए व्यावहारिक और समयबद्ध योजना बनाई जाए।
दिल्ली की खराब आबोहवा न सिर्फ लोगों की सेहत के लिए नुकसानदेह है, बल्कि इससे विदेशों में भारत की छवि भी खराब होती है। मास्क पहनकर क्रिकेट खेलने वाले अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटरों की नजरों में भारत की अच्छी छवि नहीं बनेगी।