दाम्पत्य कहते किसे हैं? क्या सिर्फ विवाहित होना या पति-पत्नी का साथ रहना दाम्पत्य कहा जा सकता है। पति-पत्नी के बीच का ऐसा धर्मसंबंध जो कर्तव्य और पवित्रता पर आधारित हो। इस संबंध की डोर जितनी कोमल होती है, उतनी ही मजबूत भी। जिंदगी की असल सार्थकताको जानने के लिये धर्म-अध्यात्म के मार्ग पर दो साथी, सहचरों का प्रतिज्ञा बद्ध होकर आगे बढऩा ही दाम्पत्य या वैवाहिक जीवन का मकसदहोता है।
यह एक वैज्ञानिक तथ्य है कि शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्तरों पर स्त्री और पुरुष दोनों ही अधूरे होते हैं। दोनों के मिलन से हीअधूरापन भरता है। दोनों की अपूर्णता जब पूर्णता में बदल जाती है तो अध्यात्म के मार्ग पर बढऩा आसान और आंनद पूर्ण हो जाता है। दाम्पत्यकी भव्य इमारत जिन आधारों पर टिकी है वे मुख्य रूप से सात हैं। रामायण में राम सीता के दाम्पत्य में ये सात बातें देखने को मिलती हैं।
संयम : यानि समय-यमय पर उठने वाली मानसिक उत्तेजनाओं जैसे- कामवासना, क्रोध, लोभ, अहंकार तथा मोह आदि पर नियंत्रण रखना।राम-सीता ने अपना संपूर्ण दाम्पत्य बहुत ही संयम और प्रेम से जीया। वे कहीं भी मानसिक या शारीरिक रूप से अनियंत्रित नहीं हुए।
संतुष्टि : यानि एक दूसरे के साथ रहते हुए समय और परिस्थिति के अनुसार जो भी सुख-सुविधा प्राप्त हो जाए उसी में संतोष करना। दोनों एकदूसरे से पूर्णत: संतुष्ट थे। कभी राम ने सीता में या सीता ने राम में कोई कमी नहीं देखी।
संतान : दाम्पत्य जीवन में संतान का भी बड़ा महत्वपूर्ण स्थान होता है। पति-पत्नी के बीच के संबंधों को मधुर और मजबूत बनाने में बच्चों कीअहम् भूमिका रहती है। राम और सीता के बीच वनवास को खत्म करने और सीता को पवित्र साबित करने में उनके बच्चों लव और कुश ने बहुतमहत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
संवेदनशीलता : पति-पत्नी के रूप में एक दूसरे की भावनाओं का समझना और उनकी कद्र करना। राम और सीता के बीच संवेदनाओं का गहरारिश्ता था। दोनों बिना कहे-सुने ही एक दूसरे के मन की बात समझ जाते थे।
संकल्प : पति-पत्नी के रूप अपने धर्म संबंध को अच्छी तरह निभाने के लिये अपने कर्तव्य को संकल्पपूर्वक पूरा करना।
सक्षम : सामथ्र्य का होना। दाम्पत्य यानि कि वैवाहिक जीवन को सफलता और खुशहाली से भरा-पूरा बनाने के लिये पति-पत्नी दोनों कोशारीरिक, आर्थिक और मानसिक रूप से मजबूत होना बहुत ही आवश्यक है।
समर्पण : दाम्पत्य यानि वैवाहिक जीवन में पति-पत्नी का एक दूसरे के प्रति पूरा समर्पण और त्याग होना भी आवश्यक है। एक-दूसरे कीखातिर अपनी कुछ इच्छाओं और आवश्यकताओं को त्याग देना या समझौता कर लेना दाम्पत्य संबंधों को मधुर बनाए रखने के लिये बड़ा हीजरूरी होता है।
सात फेरों की मजबूती बत्तीस वचनों से
पवित्र अगि्न को साक्षी मानकर लिए गए सात फेरे जिंदगी का अहम हिस्सा होते हैं, जिसमें प्यार, संयम, समझदारी के साथ जिंदगी भर साथ निभाने का वादा होता है, इसलिए अगर आप भी विवाह के पवित्र बंधन में बंधने जा रहे हैं तो इन 32 वचनों का खास ध्यान रखें ताकि रिश्तों में नयापन, प्यार और विश्वास ताउम्र बना रहे। हमेशा से ही सात नंबर को आध्यात्मिकता से परिपूर्ण और चिरायु प्रदान करने वाली संख्या माना जाता रहा है, क्यों कि सात नंबर अपने अंदर ब़डे गूढ़, आध्यात्मिक दर्शन और पारलौकिक अर्थ छिपाए हुए हैं। इस पुण्य संख्या के साथ ही जुडी है सप्तपदी यानि दो आत्माओं के मिलन के लिए मांगी गई ईश्वरीय स्वीकृ ति। इस रीति के बिना विवाह संपन्न नहीं हो सकता क्यों कि जब तक वर-वधू ये सात कदम नहीं चलते, विवाह अधूरा ही रहता है। सप्तपदी ही एक ऎसी रस्म है जहां साथ रखे हर कदम के साथ वर-वधू एक-दूसरे से सात जन्म तक का साथ साथ निभाने का वादा करते हैं, पर आज के बदलते परिवेश में ये सात वचन कब टूट जाते हैं पता ही नहीें चलता, इसलिए अगर आप चाहते हैं कि सात जन्मों का साथ वाकई सात जन्मों तक बना रहे तो सात फेरों के साथ जरूरी है इन बातों का ख्याल रखना ताकि आपके रिश्तों में प्यार की मिठास और खुशियां बनी रहे-
- 1- दाम्पत्य की अटूट कडी है ” विश्वास ” और विश्वास पर ही पति-पत्नी का रिश्ता टिका होता है, इसलिए इसमें शक न लाएं क्योंकि अगर यह एक बार आ जाता है तो पूरी जिंदगी लग जाती है टूटी कडी जोडने में, इसलिए जरूरी है कि विश्वास की नींव हिलने न दें बल्कि इतनी मजबूत बनाएं कि प्रचंड आंधी भी इसे हिला न सके।
- 2-विवाह के बाद अपनी गृहस्थी, बचत व निवेश की योजनाएं बनाएं और इसके साथ फैमिली प्लानिंग भी करके चलें ताकि अनचाहे गर्भ से बचा जा सके और अपनी सुविधानुसार फैमिली बढाई जा सके।
- 3-कोई इंसान परफेक्ट नहीे होता है, इसलिए एक-दूसरे में गलतियां न निकालें बल्कि गलतियों को सुधारने का मौका दें। अपने प्यार में इतनी ताकत लाएं कि सामने वाला अपनी कमियों को आपके कहे बिना ही सुधार लें।
- 4-उनकी पसंद के अनुरूप कार्य करें, मतलब ये नियम अपनाएं “जो तुमको हो पसंद वही बात कहेगें” फिर चाहे वह टीवी देखने का हो या फिर घूमने का, उनकी पसंद को अपनी पसंद बनाएं।
- 5-अगर पार्टनर खर्चीली प्रवृत्ति वाला है तो कोशिश करें कि खर्चे की सफाई ना मांगे, क्यों कि उनके अपने भी खर्चे होते हैं जिन्हें पूछना व बताना, झग़डे को बढ़ावा देने जैसा होता है, क्यों कि खर्चे करने का हक दोनों का होता है।
- 6-एक-दूसरे को सरप्राइज जरूर दें। पर झटके वाले ना हों, मतलब जिससे आपका बजट ना बिग़डे और पार्टनर भी सरप्राइज देखकर खुश हो जाए।
- 7-आप चाहें कितने भी व्यस्त क्यों ना हों, पर एक-दूसरे को समय जरूर दें क्यों कि कई बार समय की कमीं के कारण रिश्ते बिखरने लगते हैं, इसलिए अपने पार्टनर के लिए समय जरूर निकालें।
- 8-रिश्ते में एक-दूसरे के घर की कमियां जरूर गिनाई जाती हैं, इसलिए ऎसे समय पर बुराई तो करें पर बुराई को झग़डे का रूप ना दें।
- 9-गलती होने पर माफी जरूर मांगे, क्यों कि सॉरी कहना बुरी बात नहीं है और ना ही माफ करना मुश्किल काम है,साथ ही माफी मांगने से झग़डा आगे नहीें बढ़ता, इसलिए माफी मांगने में कंजूसी ना करें।
- 10-कहते हैं रिश्ते में स्पेस जरूरी होता है क्यों कि दूरी से प्यार झलकता है। इसलिए अपने रिश्ते में थो़डी दूरी बनाए रखें ताकि आपको उनकी कमी का एहसास हो।
- 11-सेक्स दाम्पत्य की धुरी है इसलिए एसे अनदेखा ना करें और हर रोज इसमें कुछ नया करने की कोशिश करें। पर जो भी क्रिया करें उसमें पार्टनर की सहमति जरूर होनी चाहिए।
- 12-अपने पार्टनर के लिए हमेशा ईमानदार रहें और कोई भी ऎसी बात ना छुपाएं जो बाद में पता चलने पर दिल को ठेस पहुंचाए।
- 13-घर का फैसला हो या फिर अपने लिए कोई भी फैसला अकेले ना लें, बल्कि एक,दूसरे के सलाह-मशविरा लेकर ही फैसला करें।
- 14- कहते हैं कि खुशियां हमारे आस-पास ही होती हैं,बस उन्हें ढूंढने की जरूरत होती है इसलिए जीवन के हर पल में खुशियां ढूंढे।
- 15-पति-पत्नि का रिश्ता एक दूसरे के लिए समर्पित होता है,इसलिए अगर आपको लगता है कि आपके पार्टनर व घर के लोगों की जिसमें खुशी है वो आपसे ही पूरी हो सकती है तो उसके लिए कुर्बानी देने में जरा भी संकोच ना करें।
- 16-अपने साथी की खूबियों की तारीफ करें और इस तारीफ को हो सके तो घर वालों के सामने भी कहें। इससे आत्मविश्वास बढ़ता है।
- 17-थैंक्यू शब्द जादू का काम करता है, इसलिए अगर आपके पार्टनर ने आपके घर व आपके लिए कुछ किया है तो थैंक्यू जरूर कहें। आपके द्वारा कहा गया थैंक्यू उनको कितनी खुशी देगा उसका अंदाजा आप नहीं लगा सकते।
- 18- कभी-कभी हार मान लेना गलत नहीं होता है, इसलिए अगर आपकी गलती नहीे है तो भी हार मान लें। आपका ये व्यवहार देखकर वो आपके आभारी हो जाएंगे।
- 19-अगर किसी बात को लेकर बहस हो रही है तो उस बात का बतंग़ड ना बनाएं बल्कि तुरन्त खत्म करने की काशिश करें।
- 20-माना आपकी शादी हो गई है और आप चाहते हैं कि आपका साथी हमेशा आपके साथ रहे तो इस जिद को छो़डे और उन्हें दोस्तों के साथ घूमने का मौका भी दें।
- 21-अगर आपका किसी बात पर झग़डा हो गया है तो बिस्तर पर जाने से पहले झगडे को खत्म कर लें ताकि बिस्तर पर बातें हों तो सिर्फ प्यार की।
- 22-शादी के बाद अगर आपके साथी का कोई शौक पूरा नहीं हो पाया हैे तो उसे पूरा करने का मौका व सहयोग दें और उसके शौक व रूचियों को बरकरार रखें। शौक को पूरा करने में मददगार बनें न कि दीवार।
- 23-अगर आपकी कोई फरमाइश है तो उसे साथी को बताएं ना कि फरमाइशों को चाय के प्याले के साथ परोसें।
- 24-शादी के बाद डेटिंग जैसी चीजों को खत्म ना करें बल्कि मौका मिलते ही डेटिंग पर जाएं ताकि पुरानी यादें ताजा हो सकें।
- 25-“आई लव यू” ये तीन शब्द सारे गुस्से और झगडे को खत्म कर देता है इसलिए इसे कहने से ना चूकें।
- 26-अगर आपके पार्टनर ने कुछ नया किया है तो उसे कॉम्पलीमेंट जरूर दें,उससे उसका हौसला बढता है।,
- 27-माना ईगो इंसानी व्यक्तित्व का गुण है,जो समाज में आपकी पहचान के साथ अपने आप विकसित होने लगता है, पर इसका मतलब ये नहीं कि रिश्ते में ईगो लाएं।
- 28-आपसी तालमेल के दौरान हमेशा अदब व शिष्टाचार रखें। कभी भी अपशब्द का इस्तेमाल ना करें। तर्क-वितर्क करते समय आपा ना खोएं।
- 29-बार-बार अपने पार्टनर को छोड देने की धमकी ना दें,इससे रिश्ते की डोर कमजोर होती है। 30-आमतौर पर ये माना जाता है कि शादी के बाद प्रेम और परिपक्व हो जाता है,इसलिए प्रेम को और बढाए ना कि कम होने दें।
- 31-एक -दूसरे को सम्मान दें, क्यों कि आपके द्वारा दिया गया सम्मान तीसरे की नजर में भी आता है, इसलिए गरिमा बनाए रखें।
- 32-विवाहित जीवन का भविष्य बनाने के लिए जरूरी है कि दोनों एक-दूसरे के प्रशंसनीय पक्ष पर ध्यान दें। आपके वैवाहिक जीवन की गाडी बिना रू कावट के चलती रहे इसके लिए जरूरी है कि इन अहम सूत्रों को सात फेरों के साथ जरूर निभाएं ताकि दाम्पत्य जीवन में खुशियां बनी रहें।