भारत की पूर्व विदेश मंत्री और बीजेपी की कद्दावर नेता सुषमा स्वराज का मंगलवार देर रात दिल्ली के एम्स अस्पताल में निधन हो गया, इसी अस्पताल में पिछले साल देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने भी अंतिम सांस ली थी, लेकिन इन दोनों नेताओं ने राष्ट्र और राष्ट्रभक्ति के लिए मौत से भी लड़ाई लड़ ली, अब आप सोंच रहे होंगें कौन लड़ाई तो हम आपको बताते हैं.

दरअसल पिछले साल 16 अगस्त को देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने दिल्ली के एम्स हॉस्पिटल में आखिरी सांस ली, वैसे अटलजी कई महीनों से बीमार थे, लेकिन उन्होंने देश के झंडे को झुकने नहीं दिया और 15 अगस्त यानी स्वतंत्रता दिवस का जश्न देखकर 16 अगस्त को आखिरी सांस ली, ये एक संयोग ही है. क्योंकि अटलजी 15 अगस्त को आखिरी सांस लेते तो देश का झंडा झुक जाता, इसी तरह कुछ सुषमा स्वराज का भी निधन हुआ है.
गौरतलब है कि – मोदी सरकार ने ऐतिहासिक फैसला लेते हुए जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटा दी, मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर पुनर्गठन बिल को पहले राज्यसभा में पेश किया जहाँ ये बिल पास हो गया, उसके बाद नंबर था लोकसभा का, लोकसभा में भी कल अमित शाह ने यह बिल पेश कर दिया और बिना किसी बाधा के पास भी हो गया और संयोग देखो सुषमा स्वराज का निधन भी कल ही हुआ, लेकिन लोकसभा की कार्यवाही पूरे होने के बाद. अगर लोकसभा की कार्यवाही के वक्त सुषमा स्वराज का निधन हो जाता तो लोकसभा कार्यवाही रुक सकती थी, लेकिन सुषमा ने ऐसा होने नहीं दिया।
जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटने के बाद सुषमा स्वराज ने ट्वीट करके कहा – प्रधानमंत्री जी – आपका हार्दिक अभिनन्दन. मैं अपने जीवन में इस दिन को देखने की प्रतीक्षा कर रही थी. इस ट्वीट के 4 घंटे बाद सुषमा स्वराज दुनिया छोड़कर चली गयी.
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