Jammu Kashmir issue Article 370 और Section 35A: सोमवार 5 अगस्त का दिन भारत के लिए ऐतिहासिक रहा। राज्यसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा हटाए जाने की घोषणा की। इसके बाद जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा छिनने का रास्ता साफ हो गया। ऐसे में जाहिर है कि मोदी सरकार के इस फैसले से तमाम युवा क्रिकेटरों के चेहरे पर खुशी की लहर दौड़ गई होगी।
जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 और सेक्शन 35 ए के हटने के बाद इस विशेष राज्य के दो टुकड़े हो गए हैं, जिसमें एक जम्मू-कश्मीर है, तो वहीं दूसरा लद्दाख बनाया गया है। दोनों ही राज्यों को क्रेंद शासित प्रदेश बनाने का फैसला किया गया है। इससे क्रिकेट जगत को भी नए खिलाड़ी मिलने की संभावनाओं के द्वार खुल गए हैं।
लद्दाख को अलग से केंद्र शासित प्रदेश बनाया जाएगा तो वहां भी दिल्ली और चंडीगढ़ की तरह भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी बीसीसीआइ लद्दाख क्रिकेट एसोसिएशन बना सकती है। अगर ऐसा होता है कि फिर अगले कुछ सालों में लद्दाख की भी रणजी टीम आपको घरेलू मैच खेलते दिखेगी।
इसके लिए तमाम राज्य और केंद्र शासित प्रदेश पहले से ही लड़ाई लड़ रहे हैं कि उन्हें बीसीसीआइ से स्टेट एसोसिएशन बनाने की मान्यता मिले। कई राज्य और केंद्र शासित प्रदेश तो दशकों पुराने हो गए हैं, बावजूद इसके वे अभी तक अपनी राज्य की टीम को रणजी ट्रॉफी में खेलने की मान्यता बीसीसीआइ से नहीं दिला पाए हैं।
ऐसे में एक और केंद्र शासित प्रदेश (लद्दाख) के लिए अपनी अलग टीम बनाने के लिए काफी मेहनत करनी होगी। आपको बता दें, जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन को साल 1970 में ही बीसीसीआइ से मान्यता मिल गई थी। अब देखना ये होगा कि क्या लद्दाख के युवा क्रिकेटरों को जम्मू-कश्मीर से खेलने की इजाजत मिलेगी, या फिर लद्दाख में नया क्रिकेट एसोसिएशन और नई रणजी टीम बनेगी।