मंगेश देवी। वीर सपूतों की मां। जिनके चरणों में आज इस अवसर पर हर भारतवासी को नमन-वंदन करना चाहिए। ऑपरेशन विजय के दौरान कारगिल में उनके पांच सपूत अलग-अलग मोर्चों पर दुश्मन से लोहा ले रहे थे। तब पूरे दिन अपने टीवी और रेडियो से चिपकी रहती थीं और ईश्वर से हर समय भारत की जीत और बच्चों की सलामती की दुआ करतीं। अपने पांच लालों को दुश्मनों से लड़ते देखने और एक की शहादत के बाद मंगेश ने छठी संतान को भी सेना में भेज दिया।
प्रताप बताते हैं, इस युद्ध में भाई कंवरपाल सिंह तोतोलिंग की पहाड़ी की चढ़ाई के दौरान दुश्मन का गोला गर्दन पर लगने के कारण शहीद हो गए थे। इस शहादत से हमें दुख तो पहुंचा, लेकिन हम इससे टूटे नहीं। हमने अपने छठे भाई को भी कारगिल युद्ध के बाद सेना में भेजा। छोटा भाई अशोक सिंह अब भी 105 प्रादेशिक सेना में है और ड्यूटी पर तैनात है।