रोडवेज कर्मचारियों के रोज नए कारनामे सामने आ रहे हैं। ताजा मामला सोमवार का है। इसमें फोरमैन ने दिल्ली जा रही पंचर बस खतौली से वापस दून बुला ली। पंचर ठीक कराने के लिए 1200 रुपये लग रहे थे, मगर फोरमैन ने 800 रुपये में ही ठीक कराने का दबाव बनाया। ऐसा न होने पर यात्रियों को रास्ते में ही उतारकर बस वापस बुला ली। इससे यात्रियों की जमकर मुसीबत रही व उन्हें खड़े होकर दूसरी बस से जाना पड़ा।
बस में सवार दून निवासी यात्री अनुरोध सिंह ने बताया कि वह सोमवार सुबह ग्रामीण डिपो की बस (यूके07पीए-1526) से दून से दिल्ली जा रहे थे। बस बेहद पुरानी थी। बस का पिछली तरफ का एक टायर रुड़की से पहले पंचर हो गया। इस पर चालक ने बस को धीरे-धीरे रुड़की पहुंचाया व वहां कार्याशाला में स्टेपनी बदला ली।
बस वहां से खतौली तक सही पहुंची, लेकिन ढाबे पर रुकने से पहले ही दूसरी तरफ का टायर भी पंचर हो गया। उस दौरान काफी बारिश आ रही थी तो चालक बस को धीरे-धीरे ढाबे तक ले गया। वहां कोई मैकेनिक नहीं मिला तो दोबारा बस को धीरे-धीरे आगे ले गया।
बताया गया कि रास्ते में मैकेनिक की शॉप मिलने पर चालक ने बस रोक ली। टायर चेक करने के बाद मैकेनिक ने पंचर ठीक करने के 1200 रुपये मांगे। इस पर चालक ने डिपो फोरमैन को फोन कर सूचित किया। फोरमैन ने चालक को 800 रुपये में पंचर ठीक कराने को कहा और ऐसा ना होने पर बस वापस दून लाने को कहा।
चालक आशीष कुमार और परिचालक अरविंद कुमार ने पंचर वाले से फिर बात की, लेकिन उसने रुपये कम करने से मना कर दिया। इस पर उन्होंने यहां से जा रही दूसरी बसों को रोककर यात्रियों को उनमें बैठाया और खुद खाली बस धीरे-धीरे दून वापस ले आए।
यात्री दे रहे थे चंदा, वीडियो वॉयरल
पंचर बस ठीक कराने के लिए यात्री चंदा जमा कर चालक-परिचालक को रुपये देने वाले थे, लेकिन चालक-परिचालक ने ऐसा करने से मना कर दिया। यात्रियों ने चालक से कहा कि फोरमैन नहीं दे रहा पैसे तो वे दे देंगे। इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वॉयरल हुआ। महाप्रबंधक दीपक जैन ने मामले में जांच बैठा दी है और फोरमैन से स्पष्टीकरण तलब किया गया है।