क्रिकेट के मैदान से पूरी दुनिया के क्रिकेट प्रेमियों के दिलों पर राज करनेवाले भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान की राजनीतिक पारी खेलने की चर्चा क्रिकेट और राजनीति के धुरंधरों से लेकर खेल प्रेमियों के बीच तेज हो गई है। भारतीय जनता पार्टी के पूर्व केंद्रीय मंत्री संजय पासवान द्वारा उनके भाजपा में आने से संबंधित बयान दिए जाने के बाद राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा का विषय बन गया है।
इससे पहले लोकसभा चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह से धौनी की मुलाकात भी चर्चा का विषय बनी थी। उस समय भी कयास लगाया गया था कि क्रिकेट से संन्यास लेने के धौनी भाजपा में जा सकते हैं। धौनी के राजनीति में या भाजपा में आने की बात में कितना दम है, इसका जवाब तो भविष्य के गर्भ में है, लेकिन अटकलों और चर्चाओं का बाजार गर्म है।
कई राजनेता हैं धौनी के अच्छे मित्र
धौनी का राजनीति से पहले कोई नाता भले न रहा हो, लेकिन रांची में धौनी के घर के ठीक सामने भाजपा का प्रदेश कार्यालय है, दूरी महज कुछ कदम की है। भाजपा से उनकी करीबी इस बात से आंकी नहीं जा सकती, लेकिन धौनी के करीबी सूत्रों की मानें तो माही का परिवार भाजपा की विचारधारा से प्रभावित है। कई राजनेता धौनी के अच्छे मित्र हैं। झारखंड में भाजपा की सरकार की सहयोगी पार्टी आजसू के प्रमुख और राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुदेश महतो भी धौनी के अच्छे मित्रों में हैं।
नए अवतार में देखना चाहते हैं फैन
माही के शहर रांची में भी धौनी के फैन अब अपने चहेते खिलाड़ी को इस नए अवतार में देखने को उत्सुक हैं। कुछ फैन तो कई कदम आगे बढ़कर माही में अभी से भावी प्रधानमंत्री की छवि देखने लगे हैं। उनका तर्क है कि जब पाकिस्तान के क्रिकेटर इमरान खान वहां के पीएम बन सकते हैं तो धौनी यहां के क्यों नहीं।
धौनी के भाई भी हुए थे भाजपाई
माही के बड़े भाई नरेंद्र सिंह धौनी जब राजनीति में कदम रखा था तो सबसे पहले भाजपा का ही दामन थामा था। यह अलग बात है कि बाद में वे झारखंड विकास मोर्चा में गए और फिर वे समाजवादी पार्टी की सदस्यता ली। अब धौनी का भी झुकाव भाजपा की ओर देखा गया है।
धौनी की घोषणा का इंतजार
धौनी के भाजपा में जाने की खबर भले ही अभी केवल चर्चा में हो, लेकिन उन्हें जानने वाले ज्यादातर लोग इसे बहुत आश्चर्यजनक नहीं मानते। उनके फैन को अब माही की घोषणा का इंतजार है। ज्यादातर निर्णय स्वयं लेते हैं। जब उन्होंने टेस्ट क्रिकेट छोडऩे का निर्णय लिया था तो यह बात किसी को पता नहीं था। वनडे व टी-20 की कप्तानी छोडऩे का भी निर्णय उनका अपना था। इसलिए राजनीति में आने की बात का खुलासा वे स्वयं ही कर सकते हैं। वैसे भाजपा का भी कोई नेता इस बारे में खुलकर बोलना नहीं चाह रहा है।
धौनी युवाओं के आइकन हैं। उन्होंने क्रिकेट में देश का गौरव बढ़ाया है। अगर वे भारतीय जनता पार्टी में आना चाहतें हैं तो उनका स्वागत है।