पुलिस हिरासत में एक नाबालिग छात्र की मौत हो गई। छात्र को सिसौना में हुई चोरी के मामले में बुधवार को पूछताछ के लिए सिडकुल पुलिस चौकी लाया गया था। पुलिस मौत को आत्महत्या मान रही है जबकि छात्र के परिजन हत्या का आरोप लगा रहे हैं। ग्रामीणों के आक्रोश व हंगामे के चलते एसएसपी व एडीएम समेत भारी फोर्स सितारगंज पहुंच गया।
सिसौना में आठ-नौ जुलाई की रात हुई चोरी के मामले में सिडकुल चौकी पुलिस सिसौना निवासी धीरज सिंह राणा (17) पुत्र बृजेन्द्र सिंह राणा को पूछताछ के लिए बुधवार दोपहर सिसौना चौराहे से उठा कर लाई थी। उससे रात में पूछताछ की गई। गुरुवार को दिन में करीब दो बजे चौकी के हवालात में धीरज की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। पुलिस का कहना है कि धीरज ने शर्ट को उतार कर उसका फंदा बना लिया और हवालात की जाली में फंसा कर आत्महत्या कर ली। इस घटना के दौरान चौकी में दो पुलिस कर्मी मौजूद थे। घटना के दौरान क्षेत्र की कुछ महिलाएं समस्या ले कर आई थी। चौकी में मौजूद पुलिस कर्मी महिलाओं की बाते सुनने लगे थे। इसी दौरान धीरज ने फांसी लगा ली।
धीरज के परिजनों का कहना है कि पुलिस ने धीरज की हत्या कर दी है। पुलिस के टार्चर से उसकी मौत हो गई। हिरासत में मौत की खबर मिलते ही एसएसपी बरिंदरजीत सिंह समेत पूरे जिले का पुलिस महकमा सिडकुल चौकी पहुंच गया। एसडीएम मनीष बिष्ट की मौजूदगी में पंचनामा भरा और शव को पोस्टमार्टम के लिए रुद्रपुर भेजा गया। एसएसपी बरिंदरजीत सिंह ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज देखने के बाद चोरी के मामले में पूछताछ के लिए धीरज को पुलिस चौकी ले कर आई थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत का कारण स्पष्ट हो सकेगा। पुलिस कर्मियों की लापरवाही भी इसमें रही है। अपर जिलाधिकारी जगदीश चन्द्र कांडपाल ने कहा कि मामले की न्यायिक जांच होगी। लोगों के आक्रोश को देखते हुए क्षेत्र में पुलिस बल तैनात है।
पुलिस हिरासत में मौत, सवालों में पुलिस
रुद्रपुर-
सितारगंज के सिडकुल चौकी में पुलिस हिरासत में मौत का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी ऊधमसिंह नगर के काशीपुर से लेकर खटीमा तक के थाने और चौकियों में हिरासत में लिए गए आधा दर्जन से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। लगातार हो रही मौतों से पुलिस महकमे की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में आ गया है। ऊधमसिंह नगर पुलिस का विवादों से पुराना नाता रहा है। जिला पुलिस के कई कांस्टेबल हैं जो हत्या, डकैती, रंगदारी समेत अन्य मामलों के साथ ही पुलिस हिरासत में मौत के मामले में भी जेल जा चुके हैं। यही नहीं एक बार फिर गुरुवार को चोरी के आरोप में सितारगंज थाने के सिडकुल चौकी में हिरासत में लिए गए सिसौना निवासी धीरज कुमार ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। पुलिस हिरासत में आत्महत्या करने के बाद एक बार फिर ऊधमसिंह नगर पुलिस विवादों में आ गई है।
केस-1
2007 में खटीमा चकरपुर निवासी अर्जुन सिंह को पुलिस ने मारपीट मामले में हिरासत में लिया था। इस दौरान उसकी पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी। इससे भड़के परिजनों और लोगों ने जमकर हंगामा किया था।
केस-2
सात दिसंबर 2007 को गदरपुर निवासी गोपाल मंडल को पुलिस ने पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था। जहां उसकी मौत हो गई थी। तब गदरपुर में भी जमकर बवाल हुआ था।
केस-3
वर्ष 2008-09 में पुलिस ने रम्पुरा निवासी चूणामल को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था। हालत बिगड़ी तो उसे घर भेज दिया था, जहां उसकी मौत हो गई थी। इससे भड़के लोगों ने तब रम्पुरा चौकी में पथराव भी किया था।
केस-4
वर्ष 2010 में पुलिस ने पूछताछ के लिए बिंदुखेड़ा निवासी बलविंदर सिंह को हिरासत में लिया था। जहां उसकी मौत हो गई थी। इस मामले में परिजनों ने पुलिस पर हिरासत में मारने का आरोप लगाते हुए बवाला काटा था।
केस-5
21 अप्रैल 2015 को नारायणपुर कोठा निवासी महिला की दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई थी। इस मामले में किच्छा कोतवाली पुलिस ने नारायणपुर निवासी जसविंदर सिंह उर्फ जस्सा को हिरासत में लिया था। जहां उसकी मौत हो गई थी। इस मामले में आधा दर्जन पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर केस भी दर्ज किया गया था।
केस-6
28 फरवरी 2017 को काशीपुर के कटोराताल चौकी पुलिस ने किशोर को भगा ले जाने के मामले में बैलजुड़ी निवासी जियाउददीन को हिरासत में लिया था। चौकी में ही जियाउददीन ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर दी थी। इस मामले में भी चौकी प्रभारी को निलंबित कर केस दर्ज हुआ था।