सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से सभी फ्लैट खरीदारों के हित संरक्षण की बात कही है। घर बुक कराकर पूरा पैसा देने के बावजूद फ्लैट नहीं मिलने से कोर्ट के चक्कर काट रहे परेशान खरीदारों की दिक्कतें समझते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा है कि वह सभी फ्लैट खरीदारों के हितों को संरक्षित करने के लिए एक जैसे प्रस्ताव का सुझाव पेश करे। कोर्ट ने कहा कि यह मुद्दा घर खरीदने वाले लाखों लोगों से जुड़ा है।
दिवालिया कानून की कार्यवाही में कोर्ट कुछ नहीं कर सकता, लेकिन केंद्र सरकार इससे इतर घर खरीदारों के हित संरक्षित करने के लिए सुझाव दे सकती है। मामले में अगली सुनवाई 11 जुलाई को होगी। जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस दिनेश महेश्वरी की पीठ ने ये टिप्पणियां जेपी इंफ्राटेक के घर खरीदारों के मामले में सुनवाई के दौरान कीं। कोर्ट ने कहा कि यह सिर्फ जेपी का मामला नहीं है बल्कि बहुत से अन्य बिल्डरों के मामले में भी फ्लैट खरीदारों के पैसे फंसे हुए हैं। कोर्ट ने केंद्र सरकार की ओर से पेश एडीशनल सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) माधवी दीवान से दो दिन में प्रस्ताव देने को कहा।
जेपी इंफ्राटेक के फ्लैट खरीदारों ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर कहा है कि जेपी के खिलाफ दिवालिया कानून में जो कार्यवाही चल रही है उसका ब्योरा कोर्ट मंगाए, साथ ही कोर्ट फ्लैट खरीदारों के हित संरक्षित करे क्योंकि दिवालिया कानून के मुताबिक अगर जेपी को दिवालिया घोषित किया जाता है तो पहले बैंक अपना पैसा ले लेंगे, ऐसे में फ्लैट खरीदारों को कुछ नहीं मिलेगा।
सुनवाई के दौरान एएसजी माधवी दीवान ने कहा कि अर्जी का जवाब देने के लिए उचित अथॉरिटी रेजोल्यूशन प्रोफेशनल्स या संबंधित बैंक हो सकते हैं। इस पर कोर्ट ने कहा कि क्या केंद्र सरकार दिवालिया प्रक्रिया में दखल दिए बगैर कोई और तरीका सुझा सकती है। कोर्ट जानना चाहता है कि क्या केंद्र के पास इस संबंध में कोई सुझाव है। नीतिगत मामले केंद्र सरकार को हल करने चाहिए। मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट ने गत वर्ष नौ अगस्त को जेपी इंफ्राटेक के खिलाफ फिर से दिवालिया कार्यवाही शुरू करने के आदेश दिए थे।