अखिल भारतीय रत्न एवं आभूषण घरेलू परिषद (GJC) ने अपनी बजट पूर्व सिफारिशों में सरकार से सोने पर आयात शुल्क को कम करने की मांग की है। जीजेसी के अध्यक्ष और प्रतिनिधिमंडल ने अपनी बजट पूर्व सिफारिशें केंद्रीय वित्त मंत्री को सौंपी हैं। जीजेसी ने इसमें पेन कार्ड की सीमा को 2 लाख से बढ़ाकर 5 लाख करने की भी सिफारिश की है।
जेम एंड ज्वैलरी डोमेस्टिक काउंसिल (जीजेसी) के अध्यक्ष अनंत पद्मनाभन ने कहा, “चालू घाटे को रोकने के लिए सोने पर 10 फीसद शुल्क लगाया गया था। हालाकि, 2019 में भारत का व्यापार घाटा जीडीपी के 2.5 फीसद तक सीमित हो गया है। सोने पर ड्यूटी में कटौती देश में कई सामाजिक और आर्थिक खतरों को कम करने का काम करेगी। जीजेसी ने स्वर्ण मुद्रा योजना को अधिक प्रभावी बनाने और सरकार व नागरिकों को बड़े पैमाने पर लाभ पहुंचाने वाला सुझाव रखा है। जीजेसी ने कैपिटल गेन्स से छूट, नकद सीमा और पेन कार्ड की सीमा में वृद्धि, ईएमआई सुविधा का विस्तार और वीकेंड्स में एऩईएफटी व आरटीजीएस की उपलब्धता जैसे कस्टमर-फ्रेडली सुझाव सरकार के सामने रखे हैं।”
अपनी बजट पूर्व सिफारिशों में जीजेसी ने कहा है कि 24,000 टन तक के फैमिली गोल्ड रिज़र्व को अनलॉक करने से सीएडी को कम करने में मदद मिलेगी। साथ ही जीजेसी ने अपनी सिफारिश में कहा कि आभूषणों की खरीद के लिए ईएमआई की सुविधा होनी चाहिए और प्रतिबंध केवल बुलियन और सिक्कों के लिए होना चाहिए।
जीजेसी के अनुसार, हाल ही के दिनों में, अधिकतर लेनदेन ऑनलाइन हो रहे हैं। इसके अलावा अधिकांश खरीदारी रविवार और सार्वजनिक अवकाशों पर होती है। इन दिनों में ही NEFT और RTGS उपलब्ध नहीं होता है। जीजेसी ने मांग की है कि ग्राहकों द्वारा अधिकतम खरीदारी हो सके इसके लिए एनईएफटी और आरटीजीएस सुविधा सार्वजनिक अवकाशों और रविवार को भी उपलब्ध होनी चाहिए।