काशी विद्वत परिषद ने पिछले सप्ताह मोदी को राष्ट्र ऋषि (राष्ट्रीय संत) की उपाधि से विभूषित करने की घोषणा की थी. परिषद की ओर से इसके लिए आपात बैठक बुलाकर प्रस्ताव भी पारित करा दिया गया. लेकिन अब इसे लेकर परिषद दो गुट में बंट गया है. एक गुट ने इसे राजनीति से प्रेरित बताते हुए इस सम्मान का विरोध किया है. पीएम मोदी को मिलने वाली यह उपाधि अब विवादों में आ गई है. पीएम को उपाधि पर परिषद के ही महासचिव शिवजी उपाध्याय ने नियमों का अनुपालन ना किए जाने का हवाला देते हुए इस पर सवाल उठाए है. वहीं आरोपों को खारिज करते हुए परिषद के सचिव डॉक्टर राम नारायण द्विवेदी ने कहा कि यह निर्णय नियमों के दायरे में लिया गया है.