दुनिया में शायद सबसे कठिन होता है नोट छपाई का काम. लेकिन इसमें अगर थोड़ी सी भी गलती होती है तो बड़ा नुकसान होता है. ऐसे ही, दुनिया का सबसे एडवांस नोट बनाने वाले देश ऑस्ट्रेलिया में नोटों की छपाई के वक्त हुई एक छोटी सी गलती और देश को भुगतना पड़ा करीब 11 हजार करोड़ रुपये का नुकसान.
ऑस्ट्रेलिया के 50 डॉलर वाले नोट में स्पेलिंग गलत थी. ऑस्ट्रेलिया के सेंट्रल बैंक रिजर्व बैंक ऑफ ऑस्ट्रेलिया (RBA) के अधिकारियों ने स्वीकार किया कि कई सुरक्षा फीचर से लैस 50 ऑस्ट्रेलियाई डॉलर के नोटों पर टाइपो एरेर रह गया. बैंक को अपनी गलती का अहसास 7 महीने में हुआ है. पीले और हरे रंग का यह नोट पिछले अक्टूबर 2018 में चलन में आया था. ये गलती उन्हें भरी पड़ी. रिजर्व बैंक ऑफ ऑस्ट्रेलिया की इस नोट को प्रचलन से बाहर करने की कोई योजना नहीं है. बैंक के प्रवक्ता ने कहा कि उसे इस गलती की जानकारी है और वर्तनी को अगली बार नोट के मुद्रण के समय दुरुस्त कर लिया जाएगा.
नोट की खासियत- इस नोट पर ऑस्ट्रेलिया की पहली महिला सांसद एडिथ कोवान के एक भाषण का अंश भी सूक्ष्म अक्षरों में मुद्रित है. हालांकि लगता है कि उस भाषण की वर्तनी को नहीं जांचा गया था और सात महीने बाद टंकण से जुड़ी एक गलती पकड़ में आई. कोवान के 1921 के भाषण के अंश में लिखे गए ‘रिस्पांसिबिलिटी’ शब्द में एक ‘आई’ छूट गयी थी. भाषण का मुद्रण इतने सूक्ष्म अक्षरों में किया गया है कि उसे सामान्य तौर पर नहीं पढ़ा जा सकता.