एक मासूम सी दुनिया का ख्वाब देखने वाली नीली, उदास और निश्छल आंखों वाला एक शख्स जिसका नाम चार्ली चैपलिन है, आज भी उसका चेहरा सामने एते ही रोता हुआ इंसान भी हंसने लगता है. अपनी अदाकारी के जरिए करोड़ों दिलों पर राज करने वाले चैपलिन की जयंती के मौके पर जानिए उनसे जुड़ी कुछ खास बातें…

फिल्मों की दुनिया में चार्ली चैपलिन एक अमर नाम हैं, जिसे भूल्या नहीं जा सकता है. चार्ली का निधन 88 साल की उम्र में 1977 में क्रिसमस के दिन हुआ था और चैपलिन के दफन होने के तीन महीने बाद उनकी कब्र से उनका शव चोरी हो गया था. जानकारी के मुताबिक़, चोरों ने ऐसा उनके परिवार से पैसा वसूलने के लिए किया था.
साल 1975 में महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने उस समय चार्ली चैपलिन को नाइट की उपाधि दी थी. चार्ली का बचपन काफी मुश्किलों और गरीबी से भरा हुआ था और महज 7 साल की नन्ही उम्र में उन्हें एक आश्रम में जाना पड़ा था. बताया जाता है कि वे 13 साल की उम्र में मनोरंजन की दुनिया में आए थे
और डांस के साथ चैपलिन ने स्टेज प्ले में भी हिस्सा लिया. इसके ठीक बाद चैपलिन को अमरीकी फिल्म स्टूडियो के लिए चुना गया था. बता दें कि यहां से चैपलिन दुनिया भर में मूक फिल्मों के बादशाह के रूप में उभरे और एक दिन ऐसा भी आया जब चार्ली के सिनेमा को योगदान के चलते ऑस्कर समारोह में मौजूद ऑडियंस ने उनके लिए 12 मिनटों तक खड़े होकर तालियां बजाई. खास बात यह है कि ऑस्कर समारोह के इतिहास में यह सबसे बड़ा स्टैडिंग ओवेशन है.
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