देश में पिछले कुछ दिनों में तेजी से बढ़े तापमान के बाद गर्मी की आहट हुई है। हालांकि, कुछ राज्यों में तो तापमान 40 के पार चला गया है। गुजरात में तो बुधवार को हीट स्ट्रोक की वजह से 90 से ज्यादा लोग बेहोश भी हो गए थे। वहीं, अब राज्य में जलसंकट की खबर भी आ रही है। राज्य में जलसंकट अभी से गहराने लगा है।
वर्तमान समय में राज्य के 204 जलाशयों में 34.90 जलस्तर रह गया है। राज्य की जीवन डोर समान सरदार सरोवर डैम में केवल 48.98 फीसद जल स्तर है। वहीं, 73 फीसद ऐसे जलाशय हैं, जिनके तल अभी से ही दिखाई देने लगा है। अगर अप्रैल के शुरू में ही ये हालात हैं तो बरसात आने तक हालात और विकट हो जाएंगे।
राज्य में जल स्तर गहराता जा रहा है। गत वर्ष इस समय तक सरदार सरोवर डैम में 3094.12 मिलियन क्यूबिक मीटर जल स्तर था। इसकी तुलना में इस वर्ष 4633.76 मिलियन क्यूबिक मीटर जल स्तर है।
मध्य प्रदेश में अच्छी बरसात के कारण गत वर्ष की तुलना में जल स्तर ठीक है। वहीं, दूसरी ओर उत्तर गुजरात के 15 जलाशयों में केवल 17.73 फीसद जल स्तर है। गत वर्ष इस समय दौरान 674.51 मिलियन क्यूबिक मीटर जल स्तर था, जबकि इस बार 340.91 मीटर क्यूबिक मीटर जल स्तर है। कच्छ और सौराष्ट्र में भी जल स्तर के हालात चिंताजनक हैं। वर्तमान समय में कच्छ के 20 जलाशयों में केवल 15.40 फीसद, जबकि सौराष्ट्र के 138 जलाशयो में केवल 13.25 फीसद जल स्तर है। सौराष्ट्र में गत वर्ष 607.89 मिलियन क्यूबिक मीटर जल स्तर था। वहीं, इस बार 335.78 मिलियन क्यूबिक मीटर है।
इस प्रकार यदि सरदार सरोवर को निकाल दिया जाए तो उत्तर गुजरात, मध्य गुजरात, दक्षिण गुजरात, सौराष्ट्र, कच्छ में वर्तमान समय में केवल 26.45 प्रतिशत जल स्तर है। इन क्षेत्रों में गत वर्ष 5841.18 मिलियन क्यूबिक मीटर जल स्तर था, जबकि इस वर्ष 4168.48 मिलियन क्यूबिक मीटर जल स्तर है। महिसागर जिला के वणाकबोरी में 80.87 फीसद, कच्छ के टप्पर में 80.22 फीसद, कच्छ के फतेहगढ़ 72.04 फीसद, गीरसोमनाथ के हिरण-1 जलाशय में 70.28 फीसद जलस्तर है।