मौजूदा लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की नजर ओबीसी मतदाताओं पर भी है। इनको साधने के लिए कांग्रेस आज राष्ट्रीय ओबीसी अधिवेशन करने जा रही है। इस अधिवेशन में पिछड़ी जातियों से जुड़े मुद्दों को जोरशोर से उठाने की रणनीति है।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के ओबीसी विभाग की ओर से दिल्ली के इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में आयोजित हो रहे इस अधिवेशन में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल होंगे। इस अधिवेशन में हर राज्य से ओबीसी विभाग के प्रतिनिधि भी शिरकत करेंगे। अधिवेशन में राहुल गांधी के लिए समर्थन मांगा जाएगा। ओबीसी विभाग के समन्वयक और मीडिया प्रभारी तनवीर खान ने बताया कि इसमें रोस्टर के मुद्दे को भी उठाया जाएगा। साथ ही साथ पिछड़ी जातियों के लिए आरक्षण सही ढंग से लागू करने के लिए भी आवाज बुलंद की जाएगी।
पार्टी के ओबीसी विभाग के प्रमुख और छत्तीसगढ़ सरकार में कैबिनेट मंत्री ताम्रध्वज साहू ने बताया कि 27 मार्च को आयोजित हो रहे इस अधिवेशन में अनुमति मिलने पर प्रियंका और सोनिया गांधी भी हो सकती हैं। साहू के मुताबिक, अधिवेशन में राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनाने के लिए समर्थन देने की मांग की जाएगी।
उठाना पड़ सकता है नुकसान
मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार ने पहले से लागू ओबीसी आरक्षण को 14 फीसदी से बढ़ाकर 27 फीसदी कर दिया है। यही नहीं लोकसभा चुनाव में ओबीसी मतदाताओं को साधने के लिए उसने इस अध्यादेश को लागू भी कर दिया है। राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो इस कदम से कांग्रेस ने प्रदेश में जहां ओबीसी मतदाताओं को खुश किया है वहीं दूसरी ओर सवर्णों की नाराजगी भी मोल ले ली है।