सुप्रीम कोर्ट ने मध्यस्थता के जरिये अयोध्या केस के समाधान की बात कही है. इसके लिए तीन सदस्यीय पैनल का गठन किया गया है. इसमें आध्यात्मिक गुरू श्रीश्री रविशंकर का नाम भी शामिल है. इनके नाम पर एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने आपत्ति उठाई है. उन्होंने कहा कि मध्यस्थता के नियम होते हैं. श्रीश्री रविशंकर को सुप्रीम कोर्ट ने नियुक्त किया है. यह दुखद है कि ऐसे शख्स को मध्यस्थ किया गया है जो तटस्थ (Neutral) नहीं है. जो किसी पार्टी से भी ताल्लुक रखते हैं और अपना पक्ष भी स्पष्ट कर चुके हैं.
ओवैसी ने कहा कि श्रीश्री रविशंकर ने कहा था कि अयोध्या पर यदि मुस्लिम अपना दावा नहीं छोड़ेंगे तो भारत, सीरिया बन जाएगा. वह तटस्थ मध्यस्थ नहीं हैं. बेहतर होता कि सुप्रीम कोर्ट किसी तटस्थ आदमी को बनाता.
हालांकि इसके साथ ही उन्होंने कहा कि फिर भी मुसलमानों को उनके पास जाना चाहिए. श्रीश्री रविशंकर को भी याद रखना चाहिए कि वो मध्यस्थ हैं. हम उम्मीद करते हैं कि वो तटस्थ रहेंगे. इसके साथ ही जोड़ा कि हम सुप्रीम कोर्ट के मध्यस्थता के ऑर्डर का स्वागत करते हैं. बाकी नामों से कोई ऐतराज नहीं है.
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