Women’s Day: 24 साल की उम्र में पावनी बनी महिला सशक्तिकरण की मिसाल, अमेरिका में फहराएंगी भारत का परचम

मथुरा की रहने वाली 24 वर्षीय पावनी खंडेलवाल अमेरिका में महिला उद्यमिता को लेकर होने वाले कार्यक्रम में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी। पावनी देशभर से अकेली महिला हैं, जिन्हें 22 मार्च से वाशिंगटन में शुरू हो रहे इकनोमिक आर्डर के प्रोग्राम के लिए चुना गया है। यह कार्यक्रम वाशिंगटन और शिकागो में फ्रेडरिक नोमन फाउंडेशन द्वारा महिला उद्यमिता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित किया जाएगा।Women's Day: 24 साल की उम्र में पावनी बनी महिला सशक्तिकरण की मिसाल, अमेरिका में फहराएंगी भारत का परचम

वाशिंगटन और शिकागो में यह कार्यक्रम में सप्ताह भर तक चलेगा। इसमें पावनी महिला संचालित उद्यम, मेंटरशिप, नेटवर्किंग और महिलाओं के लिए वित्त पोषण के अवसर, महिलाओं की सामाजिक अपेक्षाओं और दायित्वों, उद्यमशीलता कौशल निर्माण और शिक्षा आदि विषयों पर अपने विचार रखेंगी। कार्यक्रम में दुनियाभर से केवल 10 महिलाओं को चुना गया है। पावनी ने इस उपलब्धि को हासिल कर भारत का गौरव बढ़ाया है।

मथुरा में पुरानी सतघड़ा गली निवासी पावनी खंडेलवाल ने महज 24 साल की उम्र में महिला सशक्तिकरण की मिसाल पेश की है। पावनी एक उद्यमी और सामाजिक कार्यकर्ता हैं, जो आत्मनिर्भर स्कूटर ड्राइविंग स्कूल फॉर वीमेन चलाती हैं। यह एक गैर लाभकारी संगठन है, जो महिला उद्यमिता को बढ़ावा देता है। इसकी शुरुआत उन्होंने पुणे से की थी।

पुणे में पढ़ाई के दौरान पावनी ने देखा कि महिलाएं अपने छोटे-बड़े कामों के लिए दूसरे पर निर्भर हैं। इस पर उन्होंने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का बीड़ा उठाया। गैर सरकारी संस्था ‘आत्मनिर्भर’ बनाई और महिलाओं को स्कूटी, बाइक चलाने का प्रशिक्षण देने की शुरुआत की।

पावनी ने अपनी मुहिम से पुणे की 150 से ज्यादा महिलाओं को स्कूटी-बाइक चलाना सिखाया। यहीं पर अपने दोस्तों के साथ मिलकर एक नई स्टार्टअप कंपनी शुरू कर देश की कई जिमों को इससे जोड़ा। इसके जरिए आप किसी एक जिम के सदस्य होते हुए भी देश की किसी भी जिम में व्यायाम करने जा सकते हैं।

पावनी ने अपनी मां रेखा खंडेलवाल को भी स्कूटी चलाना सिखा दिया। मथुरा में आत्मनिर्भर संस्था के अंतर्गत रिकॉर्ड 200 महिलाओं को स्कूटी बाइक चलाना सिखाया। अब ये महिलाएं अन्य महिलाओं छात्राओं को स्कूटी बाइक चलाना सिखाकर रुपया कमा रही हैं।

पावनी ने महिला सशक्तिकरण को दर्शाने के लिए भीषण सर्दियों में बुलेट मोटरसाइकिल से जयपुर से लेह लद्दाख तक का सफर कर सबको चौंका दिया था। पावनी वाहनों की खराबी सही करने से लेकर पंचर तक जोड़ने में माहिर है। महिला सशक्तिकरण को लेकर अमेरिका में होने वाली कार्यक्रम में पावनी भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी। उनकी इस उपलब्धि पर पिता प्रदीप खंडेलवाल और माता रेखा खंडेलवाल को नाज है।

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