मधुबाला बॉलीवुड की एक ऐसी एक्ट्रेस जिनकी खूबसूरती पर कितने ही कसीदे पढ़े जाएं कम हैं. बड़ी-बड़ी आंखे, मुस्कुराते होंठ और लहराती जुल्फें किसी को भी दीवाना कर देने के लिए काफी थीं. आज की हर एक्ट्रेस उनके जैसा बनने के ख्वाब संजोती है लेकिन मधुबाला का अक्स भी किसी में नजर नहीं आता. मधुबाला अपनी प्रोफेशनल लाइफ में जितनी सफल रहीं, मोहब्बत में उन्हें उतने ही दर्द मिले. मधुबाला और दिलीप कुमार का इश्क भी कभी अपने मुकाम पर नहीं पहुंच पाया. दिलीप कुमार को मधुबाला से इस कदर मोहब्बत थी कि वो उनकी हां सुनने के लिए कोर्ट तक गए. आज मधुबाला के 86वें जन्मदिन पर बात करते हैं उनकी नाकाम मोहब्बत की.
दिलीप कुमार ने अपनी बायोग्राफी में बताया है कि मधुबाला बहुत ही जिंदादिल इंसान थीं. उन्हें मेरे जैसे संकोची और शर्मीले व्यक्ति के साथ बात करने में कोई दिक्कत नहीं होती थी. लेकिन मधुबाला के पिता को उनकी लव लाइफ से बहुत परेशानी थी. मधुबाला की छोटी बहन मधुर भूषण ने बीबीसी को दिए एक इंटरव्यू में बताया था कि अब्बा को लगता था कि दिलीप उनसे उम्र में बड़े हैं. जबकि वो मेड फॉर ईच अदर थे. लेकिन अब्बा कहते थे यह सही रास्ता नहीं है.
पिता की वजह से मधुबाला नहीं मानीं
मधुबाला ने उनकी एक नहीं सुनी वो कहती थीं कि वह उन्हें प्यार करती हैं. कुछ समय बाद बीआर चोपड़ा के साथ ‘नया दौर’ फिल्म को लेकर कोर्ट केस हो गया तो मेरे वालिद और दिलीप साहब के बीच मनमुटाव हो गया. मधुर ने इसी इंटरव्यू में बताया था कि अदालत में उनके बीच समझौता भी हो गया. दिलीप साहब ने मधुबाला को कहा कि कि चलो हम लोग शादी कर लें. इस पर मधुबाला ने कहा कि शादी मैं जरूर करूंगी लेकिन पहले आप मेरे पिता से माफी मांगे. लेकिन दिलीप कुमार ने ऐसा करने से मना कर दिया. इसके बाद मधुबाला ने कहा कि वो माफी नहीं मांग रहे थे पिता को घर में ही गले लगा लें, लेकिन दिलीप कुमार इस पर भी नहीं माने. बस दोनों की जिद ने उनकी प्रेम कहानी को अधूरा छोड़ दिया.
‘मुगल ए आजम’ के दौरान टूटा रिश्ता
दिलीप कुमार ने अपनी बायोग्राफी में अपने और मधुबाला के रिश्ते का जिक्र करते हुए बताया कि हम फिल्म ‘मुगल ए आजम’ के लिए पर्दे पर अमर प्रेम निभा रहे थे, तभी असल जिंदगी में हमारे रिश्ते खत्म हुए. फिल्म आधी ही बन पाई थी और हालत ये थी कि हम आपस में बात तक नहीं करते थे. ‘मुगल ए आजम’ के एक प्रेम दृश्य को सर्वकालिक महान प्रेम दृश्यों में गिना जाता है. जब सलीम की गोद में अनारकली सिर रख लेटी हैं. बैकग्राउंड में उस्ताद तानसेन का आलाप चल रहा है. और सलीम अभिसार के लिए अनारकली के चेहरे पर एक पंख घुमा रहा है. पर असल जिंदगी में हम उस वक्त बात तो छोड़िए रस्मी दुआ सलाम भी नहीं करते थे.
20 सालों का फिल्मी सफर…
14 फरवरी 1933 में जन्मी मधुबाला में 1942 से लेकर 1962 तक काम किया. उन्हें अक्सर हिंदी सिनेमा की सबसे प्रतिष्ठित महिला सेलिब्रिटी के रूप में माना जाता है. वह ‘महल’ (1949), ‘अमर’ (1954), ‘मिस्टर एंड मिसेज 55’ (1955), ‘चलती का नाम गाड़ी’ (1958), ‘मुगल-ए-आजम’ (1960) और ‘बरसात की रात’ (1960) जैसी फिल्मों में अपने जलवे बिखेर चुकी हैं. बता दें कि 23 फरवरी, 1969 को मात्र 35 साल की उम्र में मधुबाला ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया.