सोशल मीडिया पर पति की लिखी चिट्ठी काफी वायरल हो रही है। दरअसल, बिहार के बक्सर में एक अनोखा मामला सामने आया है, जिसमें छुट्टी नहीं मिलने से परेशान एक बैंक प्रबंधक ने पत्नी की हत्या करने के नाम पर छुट्टी का आवेदन अपने आला अफसरों समेत मानवाधिकार आयोग और राष्ट्रपति को भेज दिया।
मामला दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक में कार्यरत बक्सर के एकल कर्मी ग्रामीण ब्रांच बकसड़ा के प्रबंधक मुन्ना प्रसाद से संबंधित है। उनकी पत्नी किडनी रोग से ग्रसित है और उनके इलाज के लिए प्रबंधक को छुट्टी नहीं दी जा रही थी। ऐसे में बार-बार मुख्य कार्यालय को छुट्टी के लिए आवेदन देने पर किसी अधिकारी ने झल्ला कर कह दिया कि उन्हें अब पत्नी के सिर्फ दाह संस्कार के लिए ही छुट्टी दी जा सकती है। जिसके बाद अवसाद में आकर बैंक प्रबंधक मुन्ना प्रसाद ने प्रधान कार्यालय पटना को इस आशय का पत्र लिखते हुए इसकी प्रति राष्ट्रपति, मुख्यमंत्री, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और प्रधानमंत्री को भेज दिया। हालांकि, इसकी जानकारी होते ही बैंक की ओर से उक्त प्रबंधक की छुट्टी तुरंत ही मंजूर कर ली गई।
19 जनवरी को लिखे गए इसे वायरल पत्र में बैंक प्रबंधक मुन्ना प्रसाद ने लिखा है कि ‘मुझे अपनी पत्नी की हत्या कर उसका अंतिम संस्कार करने के लिए सिर्फ दो दिनों की छुट्टी दी जाए।’ उन्होंने लिखा है कि मेरी पत्नी किडनी रोग से पीड़ित है, हफ्ते में दो बार डायलिसिस कराना होता है। क्षेत्रीय अधिकारी मेरा फोन रिसीव नहीं करते हैं। मेरी पत्नी की तबीयत दिन प्रति दिन खराब हो रही है। उन्होंने एक नंबर से आए किसी महिला अधिकारी के कॉल का हवाला भी दिया। लिखा- कॉल पर दाह संस्कार के लिए छुट्टी मिलने की बात कही गई। उन्होंने लिखा कि ‘अत: आपसे प्रार्थना है कि मुझे कुल 2 दिन का विशेष अवकाश दिलाने की कृपा कया जाए ताकि मैं अपनी पत्नी की हत्या कर सकूं एवं दाह संस्कार कर सकूं क्योंकि रोज-रोज घुट-घुटकर मरना मुझसे सहा नहीं जा रहा है।’
इस मामले में ग्रामीण बैंक के अधिकारियों का कहना है कि एकल शाखा होने के कारण यहां कार्यरत कर्मी को छुट्टी देने से पहले दूसरे कर्मचारी को वहां विकल्प में देना होता है, जिससे शाखा का काम प्रभावित नहीं हो। वहीं, भभुआ प्रक्षेत्र के क्षेत्रीय प्रबंधक योगेंद्र नाथ सिंह का कहना है कि जब भी उन्होंने छुट्टी मांगी है, दी गई है। इस बार भी आवेदन मिलते ही उन्हें छुट्टी दे दी गई। किसी दूसरी शाखा में तबादला के लिए उन्होंने कोई आवेदन अब तक नहीं दिया है। यदि अपनी परिस्थितियों को रखते हुए तबादले का आवेदन देंगे तो उस पर भी विचार किया जाएगा।
व्यथित बैंक प्रबंधक मुन्ना प्रसाद के इस पत्र को लेकर ऊपर से नीचे तक खलबली मच गई और उसे तुरंत छुट्टी दे दी गई। सवाल गंभीर है और ऐसी समस्याओं से अक्सर कर्मचारियों को दो-चार होना पड़ता है, जिसका निदान भी बेहद जरूरी है।