लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) प्रमुख और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की बेटी आशा पासवान ने पिता द्वारा राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी पर की गई अशोभनीय टिप्पणी को लेकर विरोध जताते हुए माफी की मांग की है.
आशा ने अपने पिता रामविलास को चेतावनी दी है कि अगर वे अपनी इस टिप्पणी के लिए माफी नहीं मांगते तो महिलाओं के साथ पटना स्थित लोजपा के प्रदेश मुख्यालय के समक्ष धरने पर बैठेंगी.
बता दें कि बिहार में लोकसभा चुनाव 2019 जनता दल यूनाइटेड (जदयू) और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के साथ मिलकर लड़ने जा रहे रामविलास पासवान ने शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी.
इस दौरान बीजेपी की अगुवाई वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की केंद्र सरकार द्वारा आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग के लोगों को 10 फीसदी आरक्षण का विरोध करने को लेकर राजद पर निशाना साधा था. उन्होंने बिना नाम लिए कहा था कि वे (राजद) सिर्फ नारेबाजी करते हैं और एक अंगूठाछाप को मुख्यमंत्री बनाते हैं.
गौरतलब है कि 1997 में राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने चारा घोटाला के मामले में गिरफ्तारी का सामना करने पर बिहार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देते हुए अपनी पत्नी राबड़ी देवी को मुख्यमंत्री बनाया था, जिन्होंने महज औपचारिक शिक्षा ही हासिल की है.
वहीं, आशा पासवान ने कहा कि उनके पिता ने यह बयान देकर राबड़ी देवी को अपमानित किया है, इससे हम सभी महिलाएं दुखी हैं. उन्हें ऐसा नहीं बोलना चाहिए था. उन्होंने आरोप लगाया कि ‘मेरी मां भी अनपढ़ थीं, जिसके कारण पिता (रामविलास पासवान) ने उन्हें छोड़ दिया.
आशा रामविलास की पहली पत्नी राजकुमारी देवी की बेटी हैं. आशा के पति साधु पासवान पिछले साल राजद में शामिल हो गए थे. पिछले साल साधु पासवान ने घोषणा की थी कि राजद से टिकट दिए जाने पर वे हाजीपुर लोकसभा सीट से रामविलास पासवान के खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं.
रामविलास 2014 के लोकसभा चुनाव में हाजीपुर से सांसद चुने गए थे, लेकिन अगले लोकसभा चुनाव में स्वास्थ्य कारणों ने उनके वहां से चुनाव नहीं लड़ने और राज्यसभा जाने की अटकलें लगाई जा रही है.