डिजिटल पेमेंट करने वालों के संख्या में इन दिनों काफी तेजी आई है और इनमे ज्यादातर लोग मोबाइल वॉलेट इस्तेमाल करते हैं। नोटबंदी के बाद से ही पेटीएम, फोनपे और मोबीविक जैसे मोबाइल वॉलेट्स का उपयोग बढ़ने लगा है। लेकिन अब इन मोबाइल वॉलेट्स को यूज करने वालों को डराने वाली एक खबर आ रही है। यह खबर बताती है कि रिजर्व बैंक के आदेश के अनुसार आने वाले दिनों में कई लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
खबरों के अनुसार रिजर्व बैंक के एक आदेश की वजह से पेमेंट ऐप संचालन करनी वाली कंपनियों के लिए मुश्किलें बढ़ी हुई हैं। अगर आरबीआई ने अपनी डेडलाइन नहीं बढ़ाई तो 1 मार्च तक सभी मोबाइल वॉलेट्स बंद हो जाएंगे और 95 प्रतिशत यूजर्स इसका इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे।
दरअसल, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने अक्टूबर 2017 में निर्देश दिया था कि सभी कस्टमर के वेरिफिकेशन का काम (KYC) फरवरी 2019 तक पूरा कर लिया जाए। लेकिन, ज्यादातर कंपनियां इस काम को पूरा करने में अब तक सफल नही हो पाईं हैं। अब तक कुल यूजर के कुछ फीसदी का ही KYC हो पाया है और 90 फीसदी से ज्यादा यूजर्स का अभी तक वेरिफिकेशन नहीं हुआ है। ऐसे में अगर डेडलाइन नहीं बढ़ी तो यह यूजर्स को मोबाइल वॉलेट का उपयोग करने में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
इसका मुख्य कारण सुप्रीम कोर्ट का वो फैसला माना जा रहा है जिसके बाद ई-केवायसी पूरी तरह से बंद हो गया। हालांकि, कुछ कंपनियों ने इसके लिए दूसरा रास्ता भी अपनाया लेकिन उसके लिए खर्च बढ़ गया है और इसके बावजूद कंपनियां अपने लक्ष्य से पीछे चल रही हैं। ऐसे में 1 मार्च से इन मोबाइल वॉलेट पर बंद होने का खतरा मंडरा रहा है।
हालांकि, आरबीआई ने मोबाइल वॉलेट यूजर्स को राहत दी है कि 28 फरवरी के बाद भी अगर आपके वॉलेट में बैलेंस है तो वो खत्म नहीं होगा। आप उस बैलेंस से सामान खरीद सकेंगे। आप चाहें तो पैसों को वो अपने बैंक अकाउंट में भेज सकेंगे, लेकिन आप 1 मार्च से बिना केवाईसी वाले वॉलेट में पैसा नहीं डाल सकेंगे।