इस व्रत से मिलता है मोक्ष, भगवान शिव कर देते है माला माल…

प्रदोष व्रत में भगवान शि‍व के पूजन का विधान है. आप सभी को बता दें कि चंद्र को क्षय रोग था, जिसके चलते उन्हें कष्ट हो रहा था. कहते हैं भगवान शिव ने उस दोष का निवारण कर उन्हें त्रयोदशी के दिन पुन: जीवन प्रदान किया और इस वजह इस दिन को प्रदोष कहा जाने लगा. आप सभी जानते ही हैं कि हिंदू धर्म में एकादशी को भगवान विष्णु से तो प्रदोष को भगवान शिव से जोड़ा गया है. कहते हैं प्रदोष व्रत करने से जीवन के सारे कष्ट दूर होकर भाग जाते हैं. ऐसे में कहा जाता है इस व्रत को करने से भगवान शिव की कृपा सदैव बनी रहती है.

कहा जाता है प्रदोष व्रत रखने से शरीर में चंद्र तत्व में सुधार होता है और मानसिक बेचैनी समाप्त होती है. आप सभी को बता दें कि प्रदोष व्रत सबसे शुभ व महत्वपूर्ण व्रतों में से एक है और ऐसा माना जाता है कि प्रदोष व्रत रखने से दो गायों को दान करने के समान पुण्य फल प्राप्त होता है. वहीं इस व्रत को रखने वाला मोक्ष मार्ग पर आगे बढ़ता जाता है. वहीं कहते हैं कि प्रदोष व्रत में त्रयोदशी के दिन सूर्य उदय से पूर्व उठना चाहिए और भगवान भोले नाथ का स्मरण करें.

वो महान योद्धा जिसने मुगलों को गाजर-मूली की तरह काटा-अकेले ही मुगल सेनाओं को हराया, जानिए कैसे…

वहीं इस व्रत में आहार नहीं लिया जाता है और पूरे दिन उपवास रखने के बाद सूर्यास्त से एक घंटा पहले स्नान कर श्वेत वस्त्र धारण करें. कहते हैं प्रदोष व्रत में आराधना के लिए कुशा के आसन का प्रयोग किया जाता है और ऊँ नम: शिवाय का जाप करते हुए भगवान शिव को जल अर्पित करने से बहुत लाभ मिलता है.

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com