उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जब से हनुमान को दलित बताया है तब से यह विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. इसके बाद तो बीजेपी से जुड़े तमाम नेता हनुमान को दलित, क्षत्रीय, आर्य बता चुके हैं. इस कड़ी में अगला नाम बहराइच से बीजेपी सांसद सावित्री बाई फूले का है जिन्होंने हनुमान को मनुवादियों का गुलाम बता दिया है.
सावित्री बाई फुले ने मंगलवार को कहा कि हनुमानजी दलित और मनुवादियों के गुलाम थे. उन्होंने कहा कि अगर लोग कहते है कि भगवान राम है और उनका बेड़ा पार कराने का काम हनुमानजी ने किया था, उनमें अगर शक्ति थी तो जिन लोगों ने उनका बेड़ा पार कराने का काम किया, उन्हें बंदर क्यों बना दिया? उनको तो इंसान बनाना चाहिये था लेकिन इंसान ना बनाकर उन्हें बंदर बना दिया गया. उनको पूंछ लगा दी गई, उनके मुंह पर कालिख पोत दी गई, चूंकि वह दलित थे इसलिये उस समय भी उनका अपमान किया गया.
बीजेपी सांसद ने न्यूज एजेंसी भाषा से कहा, ‘हम तो यह देखते है कि अब देश तो ना भगवान के नाम पर चलेगा और ना ही मंदिर के नाम पर. अब देश चलेगा तो भारतीय संविधान के नाम पर. हमारे देश का संविधान धर्मनिरपेक्ष है, उसमें सभी धर्मों की सुरक्षा की गारंटी है. सबको बराबर सम्मान और अधिकार है. किसी को ठेस पहुंचाने का अधिकार भी किसी को नहीं है. इसीलिये जो भी जिम्मेदार लोग बात करें भारत के संविधान के तहत करें, गैर जिम्मेदाराना बात करने से जनता को एक बार सोचने पर मजबूर करता है.’
राम मंदिर के सवाल पर सावित्री बाई फुले ने कहा कि बीजेपी इस मुद्दे को उछाल रही है जैसे कोई और मुद्दा है ही नहीं. उन्होंने कहा कि देश को मंदिर की जरूरत नहीं है, क्या मंदिर बेरोजगारी, दलित और पिछड़ों की समस्याओं को दूर कर सकता है. सांसद ने कहा कि मंदिर से सिर्फ ब्राह्मणों को फायदा होगा, जिनकी आबादी सिर्फ तीन फीसद है. मंदिर में जो पैसा चढ़ता है उसी का इस्तेमाल कर ब्राह्मण हमारे दलित समुदाय को अपना गुलाम बनाते हैं.
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