कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार और मंगलवार को मध्यप्रदेश के मालवा-निमाड़ क्षेत्र में अपनी पार्टी के चुनावी अभियान का शुभारम्भ कर दिया है. यह राज्य की राजनीति में महत्वपूर्ण बेल्ट है, विशेष रूप से बीजेपी के लिए, क्योंकि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने पिछले चुनावों में इस क्षेत्र से 66 सीटों में से 56 सीटें जीती थीं. अगर कांग्रेस को राज्य में सरकार बनाना है तो उसे इस क्षेत्र में अपनी पकड़ मजबूत करनी होगी.
इसी के चलते राहुल गांधी ने राज्य के कांग्रेस नेताओं, कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ, उज्जैन के महाकाल मंदिर का दौरा किया, उज्जैन और झाबुआ में संबोधित सार्वजनिक रैलियां निकाली, सोमवार को इंदौर में एक रोड शो किया. मंगलवार को धार, खरगोन और महू में उनकी सार्वजनिक बैठकें हुईं. लेकिन इन सभी दौरों और रैलियों में राहुल के भाषण में कोई नयापन देखने को नहीं मिला, कांग्रेस पार्टी मध्य प्रदेश चुनावों में भी राफेल, चौकीदार चोर है, जैसे जुमलों का उपयोग करती रही, जिससे ये साफ पता चलता है कि कांग्रेस के पास करने को ज्यादा कुछ है नहीं.
चुनावी विशेषज्ञों के मानें तो कांग्रेस इन जुमलों का इस्तेमाल करके पीएम मोदी और भाजपा की छवि को नुक्सान पहुँचाना चाहती है, क्योंकि कांग्रेस अच्छी तरह जानती है कि 2014 में किस तरह मोदी लहर ने भव्य पुराणी पार्टी का सूपड़ा साफ़ कर दिया था, इसलिए अब योजनाबद्ध तरीके से वार किया जा रहा है. अगर कांग्रेस इसमें सफल होती है तो निश्चय ही इसका श्रेय राहुल गाँधी ले जाएंगे, लेकिन यहां उलटफेर की सम्भावना भी है क्योंकि, पीएम मोदी को भ्रष्ट साबित करने के लिए कांग्रेस के पास कोई सबूत नहीं है, जिसे लेकर बीजेपी, कांग्रेस पर हावी हो सकती है.
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