सामुद्रिक शास्त्र में हथेली पर बनने वाले निशानों व चिह्नों के बारे में विस्तार से लिखा गया है। हथेली में बनने वाली रेखाएं उस जातक की जिंदगी से जुड़ी अहम घटनाओं की जानकारियां देती हैं। इन रेखाओं पर पाए जाने वाले छोटे-मोटे कई निशान इंसान के स्वभाव और भविष्य की संभावनाओं की जानकारी प्रदान करते हैं। हथेलियों पर कहीं भी स्वस्तिक का चिह्न होने पर व्यक्ति के जीवन में ऐसा समय आ सकता है, जब उसे आश्चर्यजनक धनलाभ होता है। ऐसे चिह्न वाला यदि गरीब परिवार में भी जन्मा हो तो वह अपने जीवन में स्वप्रयत्नों से धनी बन सकता है।
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स्वस्तिक का चिह्न यदि भाग्य रेखा पर हो, तो ऐसा व्यक्ति प्रतिभाशाली होता है। जिनके हाथ की भाग्य रेखा पर स्वस्तिक का चिह्न होता है, उनकी सोच अत्यंत ऊंची होती है। जिन लोगों की हथेली पर इस तहर का निशान है उनके लिए 11 सितंबर का दिन बहुत अहम है। उनको बस दो हफ्ते में दो बार पीली दाल दान करनी है। इससे उनके लिए अमीर बनने के सारे दरवाजे खुल जाएंगे।
भाग्य रेखा पर यह स्वस्तिक का निशान हो तो व्यक्ति को अपने जीवन में कई बार ऐसे सुनहरे अवसर मिलते हैं जिसके कारण वह जिंदगी में प्रबल आर्थिक उन्नति कर सकता है। ऐसे अवसर उम्र के किसी भी पड़ाव पर हो सकते हैं। स्वस्तिक निशान के साथ यदि गुरु पर्वत भी उभरा हो तो ऐसे जातक स्वयं का ही नहीं, बल्कि अपने परिवार का भी नाम रोशन करते हैं। समाज में अपने माता-पिता की प्रतिष्ठा बढ़ाते हैं।
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गुरु पर्वत हथेली की सबसे पहली अंगुली तर्जनी के ठीक नीचे होता है। यहां स्पष्ट स्वास्तिक हो तो व्यक्ति सज्जन लोगों के संपर्क में रहता है। जीवन में सच्चे मार्गदर्शक लोगों के साथ कार्य करने का अवसर प्राप्त होता है। ये सारी चीजें विश्वास पर टिकी है। विश्वास है तो गंगा जल है नहीं है तो पानी है। जो इंसान विश्वास करते हैं उनके लिए ये जानकारी बहुत अहम है।