सबसे छोटे चलने वाले नोट का एक त्रिकोण पिरामिड बनाकर घर के धन स्थान में रखदीजिये,जब धन की कमी होने लगे तो उस पिरामिड को बायें हाथ में रखकर दाहिने हाथसे उसे ढककर कल्पना कीजिये कि यह पिरामिड घर में धन ला रहा है,कहीं से भी धन काबन्दोबस्त हो जायेगा, लेकिन यह प्रयोग बहुत ही जरूरत में कीजिये।
भाद्रपद मास के कृष्णपक्ष भरणी नक्षत्र के दिन चार
घड़ों में पानी भरकर किसी एकान्त कमरे में रख दें। अगले दिन जिस घड़े का पानीकुछ कम हो उसे अन्न से भरकर प्रतिदिन विधिवत पूजन करते रहें। शेष घड़ों के पानीको घर, आँगन, खेत आदि में छिड़क दें। अन्नपूर्णा देवी सदैव प्रसन्न रहेगीं।
एक हंडिया में सवा किलो हरी साबुत मूंग की दाल, दूसरी में सवा किलो डलिया वालानमक भर दें। यह दोनों हंडिया घर में कहीं रख दें। यह क्रिया बुधवार को करें। घर में धनआना शुरू हो जाएगा।
धन के उपाय
आप अपने निवास स्थान में उत्तर-पूर्व दिशा में एक साफ़ जगह पर स्थान चुन लीजिये,उस स्थान को गंदगी आदि से मुक्त कर लीजिये,फ़िर एक साफ़ लकडी का पाटा उस स्थान पर रख लीजिये,और एक चमेली के तेल की सीसी,पचास मोमबत्ती सफ़ेद और पचास मोमबत्ती हरी और एक माचिस लाकर रख लीजिये। अपना एक समय चुन लीजिये जिस समय आप जरूर फ़्री रहते हों,उस समय में आप घडी मिलाकर ईश्वर से धन प्राप्त करने के उपाय करना शुरु कर दीजिये। पाटे को पानी और किसी साफ़ कपडे से साफ़ करिये,एक हरी मोमबत्ती और एक सफ़ेद मोमबत्ती दोनो को चमेली के तेल में डुबोकर नहला लीजिये,दोनो को एक माचिस की तीली जलाकर उनके पैंदे को गर्म करने के बाद एक दूसरे से नौ इंच की दूरी पर बायीं (लेफ़्ट) तरफ़ हरी मोमबत्ती और दाहिनी (राइट) तरफ़ सफ़ेद मोमबत्ती पाटे पर चिपका दीजिये। दुबारा से माचिस की तीली जलाकर पहले हरी मोमबत्ती को और फ़िर सफ़ेद मोमबत्ती को जला दीजिये,दोनो मोमबत्तिओं को देखकर मानसिक रूप से प्रार्थना कीजिये “हे धन के देवता कुबेर ! मुझे धन की अमुक (जिस काम के लिये धन की जरूरत हो उसका नाम) काम के लिये जरूरत है,मुझे ईमानदारी से धन को प्राप्त करने में सहायता कीजिये”,और प्रार्थना करने के बाद मोमबत्ती को जलता हुआ छोड कर अपने काम में लग जाइये। दूसरे दिन अगर मोमबत्ती पूरी जल गयी है,तो उस जले हुये मोम को वहीं पर लगा रहने दें,और नही जली है तो वैसी ही रहने दें,दूसरी मोमबत्तियों को पहले दिन की तरह से ले लीजिये,और पहले जली हुयी मोमबत्तियों से एक दूसरी के नजदीक लगाकर जलाकर पहले दिन की तरह से वही प्रार्थना करिये,इस तरह से धीरे धीरे मोमबत्तिया एक दूसरे की पास आती चलीं जायेगी,जितनी ही मोमबत्तियां पास आती जायेंगी,धन आने का साधन बनता चला जायेगा,और जैसे ही दोनो मोमबत्तियां आपस में सटकर जलेंगी,धन प्राप्त हो जायेगा। जब धन प्राप्त हो जाये तो पास के किसी धार्मिक स्थान पर या पास की किसी बहती नदी में उस मोमबत्तियों के पिघले मोम को लेजाकर श्रद्धा से रख आइये या बहा दीजिये,जो भी श्रद्धा बने गरीबों को दान कर दीजिये,ध्यान रखिये इस प्रकार से प्राप्त धन को किसी प्रकार के गलत काम में मत प्रयोग करिये,अन्यथा दुबारा से धन नही आयेगा।
धन के दूसरे उपाय
दूसरे प्रकार के उपाय में कुछ धन पहले खर्च करना पडता है,इस उपाय के लिये आपको जो भी मुद्रा आपके यहां चलती है आप ले लीजिये जैसे रुपया चलता है तो दस दस के पांच नोट ले लीजिये डालर चलता है तो पांच डालर ले लीजिये आदि। बाजार से पांच नगीने जैसे गोमेद एमेथिस्ट जेड सुनहला गारनेट ले लीजिये,यह नगीने सस्ते ही आते है,साथ ही बाजार से समुद्री नमक भी लेते आइये। यह उपाय गुरुवार से शुरु करना है,अपने घर मे अन्दर एक ऐसी जगह को देखिये जहां पर लगातार सूर्य की रोशनी कम से कम तीन घंटे रहती हो,एक पोलीथिन के ऊपर पहले पांच नोट रखिये,उनके ऊपर एक एक नगीना रख दीजिये,और उन नगीनो तथा नोटों पर समुद्री नमक पीस कर थोडा थोडा छिडक दीजिये और उन्हे सूर्य की रोशनी में लगातार तीन घंटे के लिये छोड दीजिये। तीन घंटे बाद उन नोटों और नगीनों को समुद्री नमक को उसी पोलीथीन पर पर साफ़ कर लीजिये,और उस पोलीथिन वाले नमक को अपने घर के मुख्य दरवाजे पर डाल दीजिये,उन नगीनों और नोटों को अपने पर्स में रख लीजिये,अगर कोई तुम्हारा जान पहिचान का या कोई रिस्तेदार तुम्हारे पास आता है तो उसे एक नगीना कोई सा भी उसी गुरुवार को यह कहकर दीजिये कि यह नगीना भाग्य बढाने वाला है,और एक नोट उनमें से किसी बच्चे को बिस्कुट लाने के लिये या किसी प्रकार बिल चुकाने के काम में उसी दिन ले लीजिये,दूसरे गुरुवार को दूसरा नगीना किसी को फ़िर दान कर दीजिये और एक नोट किसी बच्चे या किसी प्रकार के घरेलू खर्चे में खर्च कर दीजिये,यही क्रम लगातार चार गुरुवार तक करना है,पांचवे गुरुवार को बचा हुआ एक नगीना और नोट अपनी तिजोरी या धन रखने वाले स्थान में रख लीजिये,आपके पास लगातार धन का प्रवाह शुरु हो जायेगा,उस धन में से 3% दान करते रहिये,जब तक वह नगीना और नोट आपके पास रहेगा,धन की कमी नही आ सकती है।
व्यापार में धन की कमी
अधिकतर मामलों में व्यापार करते हुये धन की कमी होती है,लगातार प्रतिस्पर्धा के कारण लोग व्यवसाय को काटते है,और ग्राहकों को अपनी तरफ़ आकर्षित करते है,अपनी बिजनिस बढाने के लिये तांत्रिक उपाय करते है,और उन तांत्रिक उपायों को करने के बाद खुद तो उल्टा सीधा कमाते है,लेकिन अपने सामने वाले को भी बरबाद करते है तथा कुछ दिनों में उनके द्वारा किये गये तांत्रिक उपायों का असर खत्म हो जाने पर दिवालिया बन कर घूमने लगते है। अपने व्यवसाय स्थल से नकारात्मक ऊर्जा को हटाने और ग्राहकी बढाने का तरीका आपको बता रहा हूँ, इस तरीके को प्रयोग करने के बाद आप खुद ही महसूस करने लगेंगे ।
सोमवार के दिन किसी नगीने बेचने वाले से तीन गारनेट के नग खरीदकर लाइये,और रात को उन्हे किसी साफ़ कांच के बर्तन में पानी में डुबोकर खुले स्थान में रख दीजिये,उन नगों को लगातार नौ दिन तक यानी अगले मंगलवार तक उसी स्थान पर रखा रहने दीजिये,और मंगलवार की शाम को उन नगीनों को मय उस पानी के उठा लीजिये,बुधवार को उस पानी से नगीनों को अपने व्यवसाय वाले स्थान पर निकाल लीजिये और पानी को व्यवसाय स्थान के सभी कोनों और अन्धेरी जगह पर कैस काउन्टर और टेबिल ड्रावर के अन्दर छिडक दीजिये,तथा उन नगीनों को (तीनों को) अपनी टेबिल पर सजाकर सामने रख लीजिये,इस प्रकार से आपके व्यापारिक स्थान की नकारात्मक ऊर्जा बाहर चली जायेगी,और सकारात्मक ऊर्जा आने लगेगी । नगीनों को सम्भाल कर रखे,जिससे कोई उन्हे ले न जा सके।
सूर्यास्त के समय आधा किलो गाय के कच्चे दूध में 9 बूँदें शहद की डाल दें। स्नान करने के पश्चात अपने मकान की छ्त से आरम्भ कर मकान के प्रत्येक कमरे व भाग में इस दूध के छीटें लगाएं। ध्यान रहे कि घर का कुछ भी हिस्सा न बचे। अब इस में बचे हुए दूध को अपने मुख्यद्वार के सामने धार देते हुए गिरा दें। ऐसा 21 दिन तक लगातार करें। छीटें डालते समय जिस देवी देवता को आप मानते हों उससे मन ही मन अपने आर्थिक कष्टों, प्रमोशन आदि की कामना करते रहें।