हृदय रोगियों को कामकाज में काफी सावधानी रखने की जरूरत होती है

एक अध्ययन का कहना है कि ऐसे रोगियों को हर 20 मिनट पर ब्रेक लेना चाहिए। इससे उनका जीवनकाल लंबा हो सकता है। शोधकर्ताओं के अनुसार, कंप्यूटर पर काम कर रहे या टीवी देख रहे हृदय रोगियों को हर 20 मिनट पर सात मिनट का ब्रेक लेना चाहिए। इस दौरान कुछ हल्की-फुल्की शारीरिक गतिविधियां मसलन टहलना चाहिए।

पूर्व के अध्ययन से यह जाहिर हो चुका है कि लंबे समय तक बैठे रहने से जीवनकाल छोटा हो सकता है, लेकिन ब्रेक लेने से इस खतरे से मुकाबला किया जा सकता है। ऐसा करने से रोजाना करीब 770 किलो कैलोरी ऊर्जा की खपत हो सकती है। कनाडा की अल्बर्ट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता ऐलर रमादी ने कहा, ‘हमारे अध्ययन से जाहिर होता है कि हृदय रोगियों को बैठे रहने के दौरान हर 20 मिनट पर उठकर सात मिनट तक हल्की-फुल्की शरीरिक गतिविधि करनी चाहिए।’

दिल की बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं, युवा भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। कम उम्र के लोग कार्डियक अरेस्ट (अचानक धड़कन रूक जाना) की बीमारी से पीड़ित हो रहे हैं। इसके मद्देनजर डॉक्टर कहते हैं कि दिल की बीमारियों से जुड़े जोखिम भरे कारकों को नजर अंदाज करना घातक साबित हो सकता है। इसलिए बीपी (ब्लड प्रेशर), मधुमेह हो तो उसे नियंत्रित रखें और नियमित दवा का इस्तेमाल करें।

हृदय हमारे शरीर का अहम अंग है। छाती के मध्य से थोड़ी बायीं ओर स्थित दिल पूरे शरीर में रक्‍त का प्रवाह करता है। दिल को ऑक्सीजन कोरोनरी धमनियों द्वारा प्रदान की जाती है जो कि रक्त के माध्यम से मिलती है। अलग-अलग कारणों की वहह से दिल में कई प्रकार की बीमारी जैसे रुमेटिक हृदय रोग, जन्मजात खराबियां, हृदय की विफलता तथा पेरिकार्डियल बहाव, कोरोनरी धमनी रोग, हार्ट अटैक, हार्ट वाल्व रोग, हार्ट फेल्योर, स्‍ट्रोक आदि हो सकते हैं।

क्यों होता हैं कार्डियोवस्कुलर हृदय रोग

हृदय रोग (कार्डियोवस्कुलर हार्ट डिजीज) होने का मुख्‍य कारण है कोलेस्‍ट्राल के स्तर में वृद्धि। यदि हाइ डेन्सिटी लिपोप्रोटीन (एचडीएल) की मात्रा है तो वे कम प्रभावशाली होते हैं। एचडीएल को अच्छा कोलेस्‍ट्राल माना जाता है क्योंकि यह हृदय की रक्तवाहनियों से कोलेस्‍ट्राल को बाहर लाता है। यदि लो डेन्सिटी लिपोप्रोटीन अणुओं का आकार छोटा है तो उनके रक्तवाहनियों में जमने की संभावना बढ़ जाती है। मोटापा भी दिल की बीमारियों का प्रमुख कारण है। वजन घटाने के लिए नियमित व्यायाम तथा साधारण तथा संतुलित भोजन करना चाहिए। वजन घटाने के लिए भूखे रहना और ज्यादा कसरत करना भी ठीक नहीं है, इससे दिल पर बुरा असर पड़ता है। दिल को स्वस्थ रखने के लिए नियमित रूप से व्यायाम और सुबह या शाम के समय चहलकदमी करनी चाहिए।

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