ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने सोमवार को संसद में अपने भावुक संबोधन के दौरान बाल यौन उत्पीड़न के पीड़ितों से माफी मांगी. उन्होंने माना कि सरकार दशकों तक अंजाम दिए गए इन जघन्य अपराधों को रोकने में नाकाम रही.
पूरे देश में टीवी पर प्रसारित इस संबोधन में मॉरिसन ने कहा, ‘‘यह ऑस्ट्रेलियाइयों ने ऑस्ट्रेलिया के लोगों के साथ किया. दुश्मन हमारे बीच है. दुश्मन हमारे बीच है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘एक राष्ट्र के तौर पर हमने उन्हें निराश किया. हमने उन्हें उनके हाल पर छोड़ दिया. हमारे लिए यह हमेशा शर्म की बात रहेगी.’’
बेहद भावुक दिख रहे मॉरिसन ने कहा कि दुष्कर्म की यह घटनाएं धार्मिक और सरकार समर्थित संस्थाओं में होती रहीं. मॉरिसन ने ‘‘स्कूलों, चर्चों, युवा समूहों, स्काउट समूहों, अनाथालयों, खेल क्लबों और घर-परिवारों में दिन ब दिन, हफ्ता दर हफ्ता, महीना दर महीना, साल दर साल’’ हुई बाल यौन उत्पीड़न की इन घटनाओं के पीड़ितों से कहा – ‘‘हम आपका यकीन करते हैं.’’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘आज हम उन बच्चों से माफी मांगते हैं जिन्हें हमने निराश किया. माफ कर दें. जिन माता-पिता के साथ विश्वासघात हुआ और जिन्होंने संघर्ष किया, माफ कर दें. उनसे भी माफी जिन्होंने इस बाबत आवाज तो उठाई, लेकिन उन्हें हमने सुना नहीं.’’ मॉरिसन ने कहा कि वह उन जीवनसाथियों, साझेदारों, पत्नियों, पतियों, बच्चों से भी माफी मांगते हैं जिन्होंने दुष्कर्म, इन घटनाओं को दबाए जाने और इंसाफ की राह में रोड़े अटकाने के खिलाफ संघर्ष किया. उन्होंने पहले और आज की पीढ़ियों से भी माफी मांगी.
प्रधानमंत्री के संबोधन के बाद संसद में जनप्रतिनिधि कुछ देर के लिए मौन खड़े रहे. पूरे देश में आयोजित आधिकारिक कार्यक्रमों में हजारों पीड़ितों ने इस संबोधन का प्रसारण देखा.