आप शायद इस खबर का शीर्ष पढ़ने के बाद यह सोच रहे होंगे कि यह खबर भारत के किसी पिछड़े इलाके या दुगर्म जगह के बारे में होगी, लेकिन आपको जानकार आश्चर्य होगा कि एनसीआर के नजफगढ़, प्रेमनगर और धर्मशाला में रहने वाला पेरना समुदाय में देह व्यापार पीढ़ियों से चला आ रहा है।
इतना ही नहीं उन्हें शादी के बाद ससुरालवालों के लिए पैसा कमाने का जरिया बनाकर प्रोस्टिट्यूशन में धकेल दिया जाता है। ‘पेरना समुदाय’ साल 1964 में राजस्थान से दिल्ली आया था। शुरुआत में भीख मांगकर गुजारा चलाया। हालांकि बाद में देह व्यापार करना शुरू कर दिया। समुदाय की लड़कियां चौथी या पांचवी तक पढ़ती हैं। जब तक वे कुछ समझने लायक होती हैं, तब तक शादी के नाम पर उनका सौदा कर दिया जाता है।
लड़कियों को शादी के नाम पर बेचने से पहले समुदाय पंचायत में पेश किया जाता है, जहां लड़कियों की सुंदरता के हिसाब से रेट तय होते हैं। शादी के बाद ससुराल वाले पहला बच्चा होने के साथ ही लड़कियों से देह व्यापार कराना शुरू कर देते हैं। उनके लिए ग्राहक तलाशने का काम कोई और नहीं बल्कि उनके पति ही करते हैं। वैसे कुछ एनजीओ इन लड़कियों को इस गंदगी से निकालने के लिए काम कर रहे हैं।