हमारी मुद्रा, इसका एक बहुत बड़ा और रोचक इतिहास है। भारतीय नोट का इस्तेमाल 1864 से शुरू हुआ जब भारतीय सरकार ने इसका इस्तेमाल करना शुरू किया। मगर नोट से जुड़े कुछ ऐसे तथ्य हैं जिन्हे जान के आप दंग रह जायेंगे।
भारतीय नोट बनाने की विधि
1. मूल भूत से 80 से 90% नोट कपास के रेशे से बनते हैं जो की लेनिन नामक फाइबर का होता है और बाकि के मिश्रण में गैटलिन और आधेसिवेस नामक सोलुशन का इस्तेमाल किया जाता है जो इस कागज़ को उम्रदर्ज़ बनाता है।
2. इसमें इस्तेमाल किये गए कागज़ सही मायनो में कागज़ नहीं है इस बात को पूर्ण रूप से नहीं बताया जाता। मगर यह कहा जाता है की इसमें कुछ अंश कपडे के भी हैं और यह न बताया जाना भी सही है ताकि नकली नोट न बनाये जा सके। सही मायनो में कहा जाये तो इस कागज़ की जब तक कोई हैसियत नहीं है जब तक इनकी प्रिंट न निकल जाये इसलिए प्रिंटिंग भी एक अहम फैक्टर है।
3. भारतीय नोट के सारे डिज़ाइन रिज़र्व बैंक ही तय करता है और यह नोट छापे भी इनकी ही प्रेस में जाते हैं । लेकिन इन नोटों को जारी करने से पहले भारतीय सरकार से मंजूरी लेना जरूरी है।
4. अभी के जितने भी नोट इस्तेमाल किये जाते हैं यह सभी नोट आंठ्वी सीरीज के नोट है जो 2005 में जारी किये गए हैं। इससे पहले जो नोट चला करते थे जिनका आकार भी बहुत छोटा था वो नोट दूसरी सीरीज के नोट थे। इस बात को भी कोई नकार नहीं सकता की पुराने नोट जो की अब एक एंटीक बन गए हैं उनकी कीमत बाजार में उनकी असली कीमत से कई गुना ज़्यादा है।