कश्मीर में सिर्फ 5 फीसदी लोग अराजकता फैला रहे हैं। जबकि 95 फीसदी लोग अमन चैन चाहते हैं। हिंसा भड़काने में अब तक 60 लोगों की पहचान हो चुकी है। दस लाख के इनामी आतंकी और हिजबुल मुजाहिद्दीन के कमांडर बुरहान वानी के एनकाउंटर के बाद से लगातार कश्मीर घाटी सुलग रही है। अब तक 70 लोगों की जान जा चुकी है। हालात पर काबू पाने के लिए देश के गृहमंत्री राजनाथ सिंह दो दिन के कश्मीर के दौरे पर हैं। गुरुवार को उन्होंने जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के साथ साझा प्रेस कांफ्रेंस की और कश्मीर की आवाम से शांति की अपील की।
कश्मीर के दो दिन के दौरे पर है गृहमंत्री राजनाथ सिंह
इस मौके पर गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कश्मीर की आवाम से अपील की कि वो अमन और शांति कायम करने में सरकार और सेना की मदद करें। राजनाथ सिंह का कहना है कि हम हर उस शख्स से बात करने के लिए तैयार हैं जो जम्हूरियत में यकीन रखता है। उन्होंने कश्मीरी जनता से अपील की है कि वो ऐसे लोगों की पहचान करें जो घाटी में हिंसा भड़का रहे हैं। युवाओं से पत्थर फिंकवा रहे हैं। सरकार ऐसे लोगों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करेगी।
राजनाथ सिंह का कहना है कि देश के भविष्य की कल्पना बिना कश्मीर के विकास के अधूरी है। देश का फ्यूचर बनाने के लिए कश्मीर का भविष्य तय ही करना होगा। लेकिन, चंद लोग हैं जो ऐसा नहीं चाहते हैं। वो घाटी में हिंसा भड़काना चाहते हैं। युवाओं के हाथों में पत्थर थमा रहे हैं। सूत्रों से पता चला है कि घाटी में हिंसा भड़काने के मामले में खुफिया विभाग के लोगों ने करीब साठ लोगों की पहचान की है। जिनकी लिस्ट राज्य सरकार को थमा दी गई है।
केंद्र ने राज्य सरकार से दो टूक शब्दों में कह दिया है कि वो इन लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें। अगर वो नहीं कर सकते हैं तो केंद्र को बता दें, मोदी सरकार ऐसे लोगों को सबक सिखाना जानती है। उधर, जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती का भी यही कहना है कि कश्मीर के 95 फीसदी लोग अमन चैन चाहते हैं। सिर्फ पांच फीसदी लोगों ने यहां का माहौल बिगाड़ रखा है। उनका कहना है कि ये पांच फीसदी लोग बच्चों और महिलाओं को ढाल बना रहे हैं।