एक महीने पहले अपने होने वाले दामाद के साथ भागी 40 वर्षीय महिला का शव महाराजपुरा के भदरौली गांव में रेलवे लाइन पर पड़ा मिला। उससे चंद कदम की दूरी पर उसके प्रेमी का शव भी पड़ा हुआ था। घटना बुधवार रात 8.30 बजे की है। दो दिन पहले महिला के परिजन दोनों को कोरबा छत्तीसगढ़ से लेकर आए थे। दोनों को साथ रखा था। पर 25-26 सितंबर दरमियानी रात गोहद से दोनों भाग गए।
महिला के परिजनों के अनुसार तभी से वे दोनों की तलाश कर रहे थे। जबकि युवक के परिजनों ने घटना की परिस्थितियों को संदिग्ध बताया है। उनका आरोप है कि दो दिन पहले महिला के परिजन दोनों को लेकर आए थे और जान से मारने की धमकी देकर गए थे। फिलहाल पुलिस ने शवों को निगरानी में लेकर मर्ग कायम कर लिया है।
भिंड गोरमी कृपाराम का पुरा निवासी भूरे सिंह नरवरिया गोहद में अपने परिवार के साथ रहते हैं। उनके परिवार में दो बेटियां व दो बेटे हैं। 5 महीने पहले उन्होंने बेटी रीना (20) की शादी महाराजपुरा महू जमार गांव निवासी करन पुत्र रूपसिंह (24) के साथ तय की थी। करन छत्तीसगढ़ के कोरबा में नौकरी करता था। शादी की तारीख दीपावली के बाद निकलनी थी। सगाई होने के बाद करन कभी-कभी रीना से बात करने के लिए फोन करता था।
रीना के पास मोबाइल न होने के कारण वह अपनी होने वाली सास आशा (40) पत्नी भूरे सिंह के मोबाइल पर कॉल करता था। इस दौरान दोनों में बातचीत होती थी। धीरे-धीरे करन ने घर पर आना शुरू किया। इस दौरान वह रीना से ज्यादा आशा के नजदीक आ गया। दोनों के बीच अलग ही कहानी पनपने लगी। जब दोनों तरफ के परिजन को इसका पता लगा तो उन्होंने विरोध शुरू किया। जिस पर 25 अगस्त को दोनों गायब हो गए। काफी तलाश के बाद भी नहीं मिले। इसके बाद आशा के परिजनों ने गोहद थाने में उसकी गुमशुदगी दर्ज कराई थी।बताया गया है कि 25 अगस्त को भागे आशा और उसके होने वाले दामाद करन को उनका बेटा सूरज व अन्य परिजन छत्तीसगढ़ से पकड़कर ले आए थे। जिसके बाद उन्हें अपने घर पर रखा और समझाया, लेकिन वह नहीं माने। 25-26 सितंबर दरमियानी रात 3 बजे दोनों छत कूदकर फिर भाग गए।26 को करण ग्वालियर में कोर्ट में अपनी पेशी पर गया। यह पता चलते ही परिजन वहां पहुंचे पर वह नहीं मिला। इसी रात 9 बजे महाराजपुरा थानाक्षेत्र स्थित भदरौली गांव स्थित रेलवे लाइन पर एक महिला व पुरुष का शव पड़े होने की सूचना मिली थी। जिस पर महाराजपुरा थाना पुलिस मौके पहुंची। मृतकों के पास मिले आईडी से दोनों की पहचान दामाद-सास करन सिंह और आशा सिंह के रूप में हुईघटना बुधवार रात 9 बजे की है। पुलिस को सूचना दे दी गई। पर दो थानों के बीच सीमा का विवाद और मृतकों के शवों को नहीं लेने से मना करने के बाद पुलिस शवों को वहां से उठाने में 16 घंटे लग गए। ट्रैक से उठाकर पास ही रखे शवों को गुरुवार दोपहर 1 बजे पोस्टमार्टम के लिए लाई। प्रारंभिक पड़ताल में दोनों ट्रेन की चपेट में आए हैं। पर परिजनों द्वारा शुरू में शव लेने से इनकार करने पर मामला संदिग्ध नजर आ रहा था।मृत युवक के करन के बड़े भाई माखन सिंह ने बताया कि 25 सितंबर को दोनों को आशा के परिजन लेकर आए थे। धमकी दी थी कि इन्हें समझा लो नहीं तो मार देंगे। इसके बाद वह अपने साथ ही दोनों को ले गए थे। उसके बाद क्या हुआ नहीं पता। हमें तो बुधवार रात उनकी मौत की खबर मिली। मृतक के भाई के बयानों के बाद घटना के हालात संदिग्ध हो जाते हैं। ऑनर किलिंग जैसी आशंका से भी इनकार नहीं किया जा सकता है। फिलहाल पुलिस पड़ताल कर रही है।