पृथ्वी और मंगल की तरह ही शनि के चंद्रमा टाइटन पर भी धूल भरी आंधी चलती है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के कैसिनी अंतरिक्ष यान द्वारा जुटाए गए डाटा की मदद से टाइटन के भूमध्य क्षेत्र में चलने वाली आंधी का पता चला है। कैसिनी के विजुअल एंड इंफ्रारेड मैपिंग स्पेक्ट्रोमीटर ने 2004 से 2017 के बीच शनि और उसके उपग्रहों के अन्वेषण के दौरान यह डाटा इकट्ठा किया था। नासा ने अक्टूबर, 1997 में कैसिनी को लांच किया था।
पिछले साल सितंबर में इसका अभियान समाप्त हो गया था। टाइटन पृथ्वी के अलावा इकलौता खगोलीय पिंड है जहां द्रव के स्नोत मौजूद हैं। लेकिन उनमें पानी की जगह तरल मीथेन और ईथेन प्रवाहित होते हैं। जब टाइटन का भूमध्य क्षेत्र सूर्य के समीप होता है तब उन हाइड्रोकार्बन अणुओं से बादलों का निर्माण होता है। इन बादलों के वापस टाइटन की सतह पर आने से आंधी चलती है।
शुरुआत में वैज्ञानिकों का मत था कि भूमध्य क्षेत्र में चलने वाली आंधी का कारण भी मीथेन के बादल ही हैं। लेकिन फ्रांस की यूनिवर्सिटी पैरिस डिडेरोट के शोधकर्ताओं के अध्ययन के अनुसार, जिस वक्त आंधी चलने के सुबूत मिले हैं उस वक्त टाइटन पर मीथेन के बादल बनने की संभावना लगभग शून्य थी। इससे स्पष्ट है कि आंधी का कारण मीथेन के बादल नहीं बल्कि टाइटन के भूमध्य क्षेत्र में मौजूद धूल के टीले हैं।
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