अधिकांश भारतीय नागरिकों को करेंसी एक्सचेंज के बारे में बहुत कम जानकारी होती है, लेकिन जब कोई व्यक्ति काम या शिक्षा के लिए विदेश जा रहा हो तब यह एक जरूरत बन जाती है। वैसे तो पहली बार करेंसी एक्सचेंज सुनने में थोड़ा जटिल लग सकता है, लेकिन थोड़े रिसर्च के बाद आप इसे आसानी से समझ सकते हैं। हम इस खबर में कुछ ऐसी जरूरी बातें बता रहे हैं जिसे आपको करेंसी एक्सचेंज के वक्त ध्यान रखना चाहिए।
रिसर्च रेट: करेंसी एक्सचेंज रेट वह रेट है जिन पर मुद्रा का आदान-प्रदान होता है। आपको अपनी मुद्रा का आदान-प्रदान करने के लिए विक्रेता को एक शुल्क का भुगतान करना होता है। चूंकि एक्सचेंज रेट बहुत तेजी से बदलती है, इसलिए आपको अपनी मुद्रा का आदान-प्रदान करने से पहले दरों पर नजर रखना चाहिए। एक सप्ताह पहले ही एक्सचेंज के लिए तैयारी कर लें, अगर कीमत अचानक बढ़ जाए तो उसके कम होने का इंतजार करें फिर एक्सचेंज करें।
एयरपोर्ट पर एक्सचेंज से बचें: एयरपोर्ट पर एक्सचेंज की सुविधा उपलब्ध रहती है, भले ही करेंसी एक्सचेंज करने का यह एक आसान तरीका है, लेकिन आपको इससे बचना चाहिए। करेंसी को एयरपोर्ट पर एक्सचेंज न करें, क्योंकि हो सकता है वहां एक्सचेंज पर 15 फीसद अतिरिक्त शुल्क लिया जाए। जब बहुत इमेजेंसी हो तो ही एयरपोर्ट पर करेंसी आदान-प्रदान करें।
30-70 के अनुपात का पालन करें: कैश को अपने साथ कम मात्रा में लेकर चलें। कोशिश करें केवल 20 फीसद कैश ही साथ लेकर चला जाए, जिसे आप एक्सचेंज करा सकते हैं। लेनदेन के दौरान करेंसी एक्सचेंज शुल्क से बचने के लिए अपने साथ एक फॉरेन करेंसी कार्ड ले कर चलें। चोरी और पॉकेट मारी से बचने के लिए जितना संभव हो उतना कम कैश लेकर चलना आपके लिए बेहतर होगा।
जांच परख कर करें एक्सचेंज: एक्सचेंज रेट अलग-अलग दुकानों में अलग अलग होती है, इसलिए ऐसा करने से पहले कुछ दुकानों का रेट पता कर लें। एक्सचेंज से पहले रेट को लेकर कम से कम तीन दुकानों की तुलना जरूर करें।