इसरो के पूर्व वैज्ञानिक की गिरफ्तारी पर SC लगाया रोक, 50 लाख मुआवजा देने को कहा

देश की सर्वोच्च अदालत ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पूर्व वैज्ञानिक नंबी नारायणन को राहत देते हुए उनकी गिरफ्तारी को अनावश्यक बताया है। कोर्ट ने जासूसी कांड के आरोप में दोषमुक्त हुए नंबी नारायणन की याचिका पर फैसला सुनाते हुए कहा कि उन्हें बेवजह गिरफ्तार किया गया और मानसिक प्रताड़ना दी गई। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली बेंच ने 76 वर्षीय नारायणन को 50 लाख रुपये का मुआवजा देने का भी आदेश दिया।

बता दें कि पूर्व वैज्ञानिक नंबी ने केरल के पूर्व डीजीपी सिबी मैथ्यू और दो रिटायर्ड पुलिस अफसरों के खिलाफ उन्हें बिना किसी कारण गिरफ्तार करने को लेकर कार्रवाई की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि संदेह के चलते उन्हें गिरफ्तार किया गया जिसके चलते उका करियर खराब हो गया। हालांकि केरल हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई की कोई जरूरत नहीं है।

क्या है इसरो जासूसी कांड
इसरो जासूसी कांड साल 1994 का वह मामला है जिससे भारत की अंतरिक्ष के क्षेत्र की तरक्की 15 साल पिछड़ गई। इसरो उस समय क्रायोजेनिक रॉकेट इंजन पर काम कर रहा था और वह उसे बनाने के बिल्कुल करीब था। तभी उसकी तकनीक के लीक होने की चर्चा उड़ गई और उसकी केरल पुलिस ने एसआइटी जांच शुरू करा दी।

इसी जांच के दौरान क्रायोजेनिक इंजन विभाग के प्रमुख नंबी नारायणन गिरफ्तार कर लिए गए और अनुसंधान का कार्य पटरी से उतर गया। भारत के पिछड़ने का सीधा लाभ अमेरिका और फ्रांस को मिला। शक जताया गया कि इसरो जासूसी कांड का ताना-बाना अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआइए ने बुना और भारत का रास्ता बाधित किया।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com