नमक के बिना सिर्फ स्वाद ही नहीं जीवन भी नहीं

नानी की सुनाई कहानी में एक राजकुमारी का बखान था, जिसके पिता ने एक बार उससे पूछा कि दुनिया में उसे सबसे प्यारा कौन है? जाहिर है पिता लाडली के मुख से अपना नाम सुनना चाहता था। जब बिटिया ने जवाब दिया नमक, तो राजा नाराज हो गया और उसने बेटी को नजरों से दूर रहने का हुक्म सुना दिया। बरसों बाद जब वैध के आदेशानुसार उसे बिना नकम का फीका खाना खाने को मजबूर होना पड़ा, तब उसे नमक की कीमत समझ आई। बहरहाल बोलचाल की भाषा में नमकहलाली और नमकहरामी जैसे मुहावरे खान-पान में नमक का महत्व स्वीकार करते हैं। नमक के साथ सौंदर्य का अंतरंग संबंध सूरत के नमकीन होने जैसे प्रचलित मुहावरों से स्पष्ट होता है। यही बात लवण और लावण्य जैसे शब्दों से भी झलकती है।

नमक का जीवन में महत्व

नमक न केवल बुनियादी स्वाद है, बल्कि मीठे की तरह हमारे जीवित रहने के लिए भी जरूरी है। इसका रासायनिक नाम है सोडियम क्लोराइड है, जो हमारे मस्तिष्क में अति सूक्ष्म विद्युत प्रक्रियाओं को संचालित करता है। इसके अलावा, हमारे शरीर में जल संचय-संतुलन बनाए रखने में भी अहम भूमिका निभाता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि धरती पर जीवन नमकीन जल वाले महासागर में ही प्रकट हुआ था, इसीलिए हमारे जीवन का आधार नमक है। बाइबिल की एक विचारोत्तेजक पंक्ति है- यदि धरती ही अपना नमक गंवा दे तब फिर बचता ही क्या है? गरमी के मौसम में जब पसीने के साथ हमारे शरीर से नमक बह निकलता है तो जीवन संकटग्रस्त हो जाता है। यही स्थिति पेचिश के रोग में जलाभाव से या आंव में उत्पन्न होती है। इसका उपचार सलाइन यानि नमक का घोल चढ़ाकर या नमक-चीनी के मिश्रण से ओरल रिहाइड्रेशन थेरेपी के जरिए तत्काल किया जाता है। रक्तचाप के रोगियों या क्षतिग्रस्त गुर्दे वालों को नमक से परहेज करना पड़ता है पर फिर भी कम सोडियम वाले नमक का नुस्खा अपनाना पड़ता है।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com