पुणे की अदालत ने भीमा कोरेगांव मामले में जून में गिरफ्तार किए गए पांच लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर करने की समयसीमा और 90 दिनों के लिए बढ़ा दी है। पुलिस ने माओवादियों के साथ संपर्क के आरोप में सभी को गिरफ्तार किया था।गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) की विशेष अदालत के न्यायाधीश केडी वधाने ने रविवार को पुणे पुलिस का अनुरोध स्वीकार कर लिया। यह जानकारी मामले के जांच अधिकारी सहायक पुलिस आयुक्त शिवाजी पवार ने दी। 
उन्होंने कहा, ‘हमने कोर्ट से यह कहते हुए संपर्क किया था कि मामले में जांच प्रगति पर है। इसीलिए आरोप पत्र दायर करने के लिए और 90 दिनों का समय मांगा था।’पुणे पुलिस ने आरोप पत्र दायर करने की समयसीमा बढ़ाने के लिए शनिवार को अदालत में अर्जी दायर की थी। पुलिस ने मामले में कुछ और गिरफ्तारी होने का उल्लेख किया था।
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