मध्यप्रदेश के भोपाल निवासी एक 14 वर्षीय छात्र द्वारा उठाए गए कदम ने समाज को नई राह दिखलाई है। 10 वीं कक्षा में पढ़ रहे आयुष कुमार की अनोखी पहल से 14 कैदी स्वंतत्रता दिवस को रिहा होने वाले हैं। यह कैदी वो हैं जो जुर्माने की राशि जमा नहीं कर पाने के कारण अतिरिक्त सजा काट रहे हैं। आयुष ने अपनी छात्रवृति से इनके 21 हजार 350 रुपए जुर्माने की राशि भरी है।
इस घटना के बाद उनका ध्यान कैदियों की ओर गया। बातचीत के दौरान उन्हें यह पता चला कि कुछ ऐसे भी कैदी है जिनका कोई नहीं है या जरा सी जुर्माने की राशि नहीं चुकाने के कारण वे रिहा नहीं हो पा रहे हैं। तब उन्होंने ऐसे कैदियों कैदियों की मदद का फैसला लिया।