नई दिल्ली: ओलिंपिक के 120 साल के इतिहास में जो नहीं हो पाया वह रियो ओलिंपिक में होने जा रहा है. यह इतिहास लैला, लीना और लिली नाम की तीन बहनें रचने जा रही हैं. ट्रिप्लेट (एक साथ पैदा हुए तीन बच्चे) के रूप में पैदा हुई यह तीन बहनें 14 अगस्त को एक- दूसरे से मुकाबला करते हुए मैराथन रेस में भाग ले रही हैं. आजतक ओलंपिक के इतिहास में कभी ऐसा नहीं हुआ है जब ट्रिप्लेट ने एक साथ एक दूसरे के खिलाफ मुक़ाबला किया हो. ओलंपिक में अब तक कई बार ऐसा हुआ जब ट्विंस ने एक-दूसरे के खिलाफ मुकाबला किया हो लेकिन ट्रिप्लेट का दूसरे के खिलाफ मुकाबला करने का यह पहला मामला है.
लैला, लीना और लिली रियो ओलंपिक में लिखेंगी इतिहास
यह तीन बहनें असामयिक पैदा हुई थीं, जन्म के समय तीनों का वजन काफी कम था और इन्हें कई दिनों तक आईसीयू में रखना पड़ा था. बचपन में तीनों की मैराथन दौड़ के प्रति कोई दिलचस्पी नहीं थी बल्कि तीनों को डांस के प्रति रूचि थी और तीनों अच्छी डांसर भी हैं. इस्तोनिया के रहने वाली यह तीनो बहनें 30 साल की हैं और इन्होंने सिर्फ छह साल पहले यानी 24 साल की उम्र में मैराथन दौड़ना शुरू किया है. मैराथन दौड़ना शुरू करने के बाद उन्हें खुद में अच्छे धावक होने की काबिलियत का भी पता चला. इसके बाद उन्होंने ट्रेनिंग लेना शुरू किया.
इस्तोनिया में आयोजित होने वाली कई प्रतियोगिता में हिस्सा लेने और जीतने के बाद तीनों बहनों ने ओलिंपिक की तैयारी शुरू की, जिसके लिए इस बार तीनों ने क्वालीफाई भी कर लिया. यह तीनों बहनें इस्तोनिया में अलग-अलग रहती हैं लेकिन साल में एक बार ज़रूर एक साथ मिलकर ट्रेनिंग लेती है. लोगों से प्रोत्साहन पाने के लिए तीनों बहनों ने अपना एक फेसबुक पेज भी बनाया है जिसका नाम है “ट्रियो टू रियो”
इन तीनों के अलावा मैराथन में जर्मनी की जुड़वां बहनें अन्ना और लिसा हाह्नेर भी हिस्सा ले रही हैं. यह देखना है इन तीनों बहनों में से कोई मैडल हासिल करता है या कोई और बाजी मार लेता है. मैडल चाहे कोई भी जीते लेकिन लैला, लीना और लिली इस ओलिंपिक में एक इतिहास लिखने जा रही हैं.