लॉज के नाम पर चल रहे नशाखोरी के हेडक्वॉर्टर

संडे को ‘हेडक्वार्टर’ में करीब पांच दर्जन से ज्यादा युवक-युवतियां फ्रेंडशिप डे पार्टी के नाम पर ‘नशाखोरी’ कर रहे थे. हैरानी वाली बात ये है कि पार्टी में लड़कियां भी बड़ी संख्या में शराब, बीयर और सूखे नशे में चूर मिलीं. प्रशासन और पुलिस की टीमों के वहां पहुंचते ही ये सब इधर-उधर भागने लगे. लॉज का लाइसेंस लेकर यहां यूथ को नशा परोसा जा रहा था. इससे पहले साउथ सिटी में कई जगह रेस्त्रां के नाम पर हुक्का बार चलते पकड़े गए हैं जो शहर के युवाओं को नशे के दलदल में धकेल रहे हैं. सवाल ये है कि पुलिस, प्रशासन, आबकारी विभाग की लंबी-चौड़ी फौज और निगरानी तंत्र होने के बाद भी कदम-कदम पर नशे के ‘हेडक्वॉर्टर ‘ किसकी मदद और छत्रछाया में चल रहे हैं. सिविल लाइंस में एचक्यू लॉज में नशे की पार्टी पकड़े जाने के बाद दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट टीम ने शहर में नशे के ‘अड्डों’ को लेकर पड़ताल की तो मालूम चला कि कानपुर में दो दर्जन से ज्यादा नशे के अड्डे धड़ल्ले से चल रहे हैं. जो युवाओं को टारगेट कर उन्हें नशे का लती बना रहे हैं.

फायदा उठा रहे लॉज ओनर्स

‘हेडक्वार्टर’ की तरह कानपुर के ज्यादातर लॉज में पार्टी के नाम पर यूथ को नशाखोरी कराई जा रही है. नाम न पब्लिश करने की रिक्वेस्ट पर एक लॉज में काम करने वाले इम्प्लाई ने बताया कि लॉज में यूथ की मांग पर सूखा नशा चोरी छिपे अवेलेबल कराया जाता है. इसके ज्यादा पैसे चार्ज किए जाते हैं. ये नशा अब फैशन बनता जा रहा है. इसी का फायदा लॉज मालिक उठा रहे हैं. वे ज्यादा पैसा कमाने के चक्कर में उनको हुक्का में सूखा नशा भरकर पिलाने की फैसिलिटीज भी युवाओं को दे रहे हैं.

 

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