गुरु पूर्णिमा का पर्व 27 जुलाई को पड़ रहा है। इस दिन ही शताब्दी का सबसे बड़ा चंद्रग्रहण भी पड़ रहा है। इस कारण दोपहर 2:54 बजे से सूतक लग जाएगा। सूतक काल से पूर्व ही गुरु पूजन करना होगा। भारतीय विद्या भवन के वास्तुविद् और ज्योतिषी रमेश चिंतक का कहना है कि यह चंद्रग्रहण सबसे बड़ा होगा। इसका प्रभाव छह माह तक रहेगा। ऐसे में गुरु पूर्णिमा पर गुरु की पूजा के लिए उपयुक्त समय दोपहर से पूर्व का रहेगा।
सुबह से दोपहर 2:54 बजे तक गुरु चरणों का पूजन करना शुभ रहेगा। सूतक काल में पूजन का विधान नहीं है। 28 जुलाई से सावन लग रहा है। ऐसे में इस दिन भोर पांच बजे से मंदिरों के पट खुल जाएंगे।
रमणरेती मथुरा के संत गुरुशरणानंद महाराज मंगलवार देर रात शहर पहुंच गए। वह कबाड़ी मार्केट स्थित एक आवास में ठहरे हैं। बुधवार सुबह आठ बजे से वह कौशलपुरी स्थित श्रीसनातन धर्म सरस्वती स्कूल में अपने शिष्यों को आशीर्वाद देंगे। इसके बाद मथुरा के लिए रवाना हो जाएंगे।
चंद्रग्रहण पर एक नजर—-
सूतक काल -दोपहर 2:54 बजे से शुरू
ग्रहण प्रारंभ-रात 11:54 बजे
ग्रहण समाप्ति-रात 3:49 बजे