गाजियाबाद के मसूरी थाना इलाके में डासना फ्लाईओवर के पास एक चार मंजिला बिल्डिंग गिर गई. बिल्डिंग निर्माणाधीन थी. जब ये हादसा हुआ, उस समय बिल्डिंग में काम चल रहा था. बिल्डिंग के मलबे में करीब 10 मजदूरों के दबे होने की आशंका है. राहत कार्य के लिए एनडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची गई है. टीम ने अब तक घायल हुए पांच मजदूरों को निकाला है. बताया जा रहा है कि घटिया निर्माण कराने को लेकर बिल्डर के खिलाफ पहले ही शिकायत की गई थी, लेकिन जांच के आदेश के बाद कोई कार्रवाई नहीं की गई थी.
मजदूर कर रहे थे काम, तभी हुआ हादसा
ये बिल्डिंग डासना फ्लाईओवर के पास बन रही थी. मजदूर काम कर रहे थे. इसी दौरान भरभरा कर पूरी बिल्डिंग गिर गई. घटना से हड़कंप मच गया. मौके पर पहुंची पुलिस और एनडीआरएफ की टीम राहत कार्य में जुटी हैं. अब तक पांच मजदूरों को घायल अवस्था में निकाल लिया गया है. कई और भी बिल्डिंग के मलबे में दबे हुए हो सकते हैं. बताया जा रहा है कि इस बिल्डिंग का निर्माण अवैध तरीके से हो रहा था. नियमों को ताक पर रखकर कई फ्लोर बनाए जा रहे थे.
घटिया निर्माण को लेकर पहले ही हुई थी शिकायत
बताया जा रहा है कि बिल्डिंग को बनवा रहे बिल्डर के खिलाफ घटिया निर्माण कार्य को लेकर पहले भी शिकायत की गई थी. यही नहीं तत्कालीन एसएसपी हरि नारायण सिंह ने शिकायत के बाद जांच के आदेश भी दिए थे, फिर भी बिल्डर के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई. अगर कार्रवाई होती तो शायद ये हादसा नहीं होता. पुलिस के अनुसार बिल्डर हादसे के बाद से अपने परिवार के साथ फरार है.
ग्रेटर नोएडा में बिल्डिंग गिरने से नौ लोगों की हुई थी मौत
बता दें कि 17 जुलाई को ग्रेटर नोएडा के बिसरख पुलिस स्टेशन इलाके के तहत शाहबेरी गांव में छह मंजिला एक निर्माणाधीन इमारत बगल की एक पांच मंजिला इमारत पर गिर गई थी. इस हादसे में नौ लोग मारे गए थे. घटना के बाद सरकार ने मामले में कार्रवाई की और घटना की मजिस्ट्रेट से जांच कराने के आदेश देते हुए ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण में विशेष कार्य पदाधिकारी विभा चाहल को उनके पद से हटा दिया. साथ ही सीएम योगी आदित्यनाथ ने दो अन्य अधिकारियों परियोजना प्रबंधक वीपी सिंह और सहायक परियोजना प्रबंधक अख्तर अब्बास जैदी के निलंबन के आदेश दिए थे. शाहबेरी गांव, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधिसूचित एरिया में आता है. यहां किसी भी तरह का निर्माण कार्य प्रतिबंधित है.