पांच सक्सेसफुल सीजंस के बाद फिर लौट रहा है दैनिक जागरण आईनेक्स्ट इंडियन इंटेलिजेंस टेस्ट। नॉलेज पार्टनर पीएसआईटी कानपुर के साथ कंडक्ट किया जा रहा आईआईटी- 6 मौका दे रहा है स्टूडेंट्स को अपने करियर की दिशा जानने का।
जानें अपना इंटेलिजेंस
कई बार हेाता है कि एक बच्चे के मार्क्स किसी पर्टिकुलर सब्जेक्ट में अच्छे तो आते हैं, पर ये जरूरी नहीं कि वो उस सब्जेक्ट में सक्सेसफुल करियर भी बना सके। मसलन, अगर किसी के बायोलॉजी में अच्छे मार्क्स आते हैं तो इसका मतलब ये नहीं कि वो डॉक्टर बन सकता है। कोई स्टूडेंट करियर में कितना सक्सेसफुल होता है, ये उसके इंटेलिजेंस पर डिपेंड करता है। और इसी इंटेलिजेंस को जानने में हेल्प करता है दैनिक जागरण आई नेक्स्ट इंडियन इंटेलिजेंस टेस्ट। इस टेस्ट के माध्यम से स्टूडेंट्स को उसका करियर पाथ मिल जाता है और उसके लिए कोई असमंजस की स्थिति नहीं रहती।
मल्टीपल इंटेलिजेंस थ्योरी हॉवर्ड ग्रेजुएट स्कूल ऑफ एजुकेशन के प्रोफेसर हॉवर्ड गार्डनर ने बच्चों की इंटेलिजेंस को मापने के लिए डेवलप की थी। इसके लिए उन्होंने सात (बाद में इसमें 2 और जोड़े गए) अलग-अलग इंटेलिजेंस टाइप्स को आइडेंटिफाई किया। उनके मुताबिक, ‘बच्चों का इंटेलिजेंस लेवल अलग होता है, जिसके कारण वह चीजों को अलग तरह से समझते हैं, परफॉर्म करते हैं और याद रखते हैं। उनका मानना था कि यह डिफरेंसेज हमारे एजुकेशन सिस्टम को चैलेंज करते हैं क्योंकि वहां हर बच्चे को एक ही पैरामीटर पर जज किया जाता है और माना जाता है कि सभी बच्चे एक ही स्टडी मटीरियल को समझकर याद कर सकते हैं। दरअसल, हमारे एजुकेशन सिस्टम में स्टूडेंट के इंटेलिजेंस लेवल के बजाए मार्क्स पर फोकस किया जाता है। इसकी हेल्प से बच्चे के इंटेलिजेंस की सही एनालिसिस की जा सकती है।