मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर संसद में चर्चा के दौरान दिया गया कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का भाषण चर्चा का विषय बना हुआ है. अपने भाषण में कांग्रेस अध्यक्ष ने जहां मोदी सरकार की नाकामियां गिनाईं, वहीं बीजेपी की तरफ से होने वाले व्यक्तिगत हमलों का भी जवाब दिया.
इतना ही नहीं, राहुल गांधी शुक्रवार को सदन में काफी आक्रामक दिखे. उन्होंने सत्ता पक्ष को उन्हीं के अंदाज में घेरने की कोशिश की. यहां तक कि हिंदू होने का मतलब समझाने के लिए उन्होंने पीएम मोदी के पास जाकर उन्हें गले तक लगा लिया. लेकिन इसके बाद वो अपनी सीट पर आकर बैठे और अपने किसी सहयोगी सांसद की तरफ देखकर आंख मारी तो वो तस्वीर राहुल के पूरे भाषण पर जैसे पानी फेर गई. जिसके बाद उनके इस अंदाज पर अलग-अलग प्रतिक्रियाएं आ रही हैं.
बीजेपी नेता राहुल के इस अंदाज की जमकर आलोचना कर रहे हैं. यहां तक कि लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने भी इस रवैये को गलत ठहराया है. लेकिन क्या ऐसा करके राहुल सदन में कोई गलती कर बैठे? या फिर यह उनकी उस राजनीतिक अपरिपक्वता का नमूना कहा जाए, जिसके बारे में बीजेपी नेता अक्सर बयान देते रहे हैं. फिलहाल राहुल के इस रवैये को अलग-अलग तरीके से आंका जा रहा है, लेकिन अतीत में जाएं तो पता चलता है कि राहुल पहले भी ऐसे अंदाज में नजर आ चुके हैं.
2014 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को बुरी हार का सामना करना पड़ा और वह महज 44 सीटों पर सिमटकर रह गई. दूसरी तरफ मोदी लहर में बीजेपी ने अपने इतिहास में पहली बार पूर्ण बहुमत हासिल किया और नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पार्टी ने केंद्र में सरकार बनाई. 16 मई 2014 को चुनाव नतीजों की घोषणा के बाद तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और तत्कालीन कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने मीडिया को संबोधित करते हुए अपनी हार स्वीकार की और नई सरकार को बधाई दी.
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में सबसे पहले राहुल गांधी ने अपना बयान दिया. उनके बाद सोनिया गांधी ने अपनी बात रखी और राहुल गांधी उनकी बाईं तरफ खड़े हो गए. इस दौरान जब सोनिया गांधी अपना वक्तव्य दे रही थीं, तो इसी बीच राहुल गांधी सामने खड़े मीडियाकर्मियों की तरफ देखकर आंख मारने लगे. ये ठीक वैसी ही तस्वीर थी, जैसी 20 जुलाई को संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान देखने को मिली है.